महाराष्‍ट्र के परिवहन मंत्री ने सत्‍ता के रंग में डूबे अन्‍य नेताओं के सामने सबसे अच्‍छा उदाहरण प्रस्‍तुत किया है। दरअसल मंत्री दिवाकर रावते ने पुलिस ऑफिसर से बहस करने पर अपने बेटे को ही कसूरवार बना दिया और उसके ऊपर 1000 रुपये का जुर्माना लगा दिया।

शराब पीकर चला रहा था गाड़ी
महराष्ट्र सरकार के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने नियम-कानून का पूरा सम्मान करते हुए अपनी ईमानदारी का प्रमाण दे दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री दिवाकर रावते के बेटे उन्मेष को मंगलवार को पुलिस ने चेकिंग के दौरान रोका, तो पता चला कि उन्मेष शराब पीकर गाड़ी चला रहा था। पुलिस ऑफिसर ने जब उसे रोकना चाहा, तो मंत्री जी का बेटा बहस पर उतर आया। धीरे-धीरे मामला बिगड़ता ही जा रहा था कि, एक अन्य इंस्पेक्टर को बीच में आकर बहस को शांत करवाना पड़ा।

मंत्री जी को आया गुस्सा

अगले दिन सुबह जब दिवाकर रावते को यह बात पता चली, तो उन्होंने बेटे को काफी फटकारा। यही नहीं उन्होंने बेटे को सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने पर जुर्माना भी लगा दिया। रावते बताते हैं कि, जब मैंने बेटे से इस बारे में पूछा तो उसने पूरा घटनाक्रम बताया जिसके बाद ही जुर्माने का फैसला लिया गया। वैसे रावते का कहना है कि, मंत्री का बेटा हो या कोई आम नागरिक जो व्यक्ित नियम कानून तोड़ेगा पुलिस उसे नहीं छोड़ेगी।
कांस्टेबल का कटवाया था चालान
आपको बता दें कि, दिवाकर रावते इससे पहले भी इस तरह के मामले में चर्चा में आए थे। जुलाई महीने में जब परिवहन मंत्री अपने ऑफिस जा रहे थे तो उन्होंने रास्ते में दो महिला कांस्टेबल को बिना हेलमेट पहले गाड़ी चलाते देखा। फिर क्या मंत्री जी ने उनको भी रोक दिया और चालान कटवा दिया।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari