ईसा मसीह के बारे में लिखा महात्मा गांधी का एक खत अमेरिका में नीलाम होने जा रहा है। इस खत में राष्ट्रपिता ने जीएस क्राइस्ट को मानवता का महान प्रवर्तक बताया और सर्वधर्म समभाव पर जोर दिया है। यह खत उन्होंने साबरमती आश्रम से छह अप्रैल 1926 को अमेरिकी धर्मगुरु मिल्टन न्यूबेरी फ्रेंत्ज को लिखा था। खत में उनके हस्ताक्षर भी हैं।


रैब कलेक्शन करवा रही पत्र की नीलामीकई दशकों तक यह खत एक निजी संग्रह का हिस्सा था। पेंसिलवेनिया स्थित रैब कलेक्शन इसकी नीलामी करवा रही है। उम्मीद जताई गई है कि यह पत्र 50 हजार डॉलर (करीब 32.5 लाख रुपये) में बिक सकता है। रैब कलेक्शन के नाथन रैब ने कहा, 'धर्म पर लिखे गांधी के खतों में यह सबसे बेहतरीन है। इसके अतिरिक्त गांधी ने जीसस पर कुछ नहीं लिखा। उन्होंने खत में सभी धर्मों के लिए अपने आदर और विश्वास को प्रकट किया जो आज के समाज के लिए बहुत जरूरी है।'जानें महात्मा गांधी ने क्या लिखा खत में
गांधी ने खत में मिल्टन को संबोधित करते हुए लिखा है, 'प्रिय दोस्त मेरे पास आपका खत है। मैं भयभीत हूं क्योंकि मैं आपके सुझाए पंथ को नहीं अपना सकता। आपने मुझे विश्वास कराया कि मसीह अनदेखी वास्तविकता की सबसे बड़ी अभिव्यक्ति हैं। लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं। मैं ईसा को मानवता के सबसे बड़े प्रवर्तक के रूप में मानता हूं। धार्मिक एकता के लिए सबसे अधिक जरूरी किसी एक पंथ को स्वीकार करवाना नहीं बल्कि हर संप्रदाय का आदर करना है।'

Posted By: Satyendra Kumar Singh