टेस्‍ट क्रिकेट से सन्‍यास लेकर सबको हैरत में डालने वाले धोनी इस समय चर्चा का विषय बन गये हैं. जहां एक ओर कई दिग्‍गज धोनी की तारीफो के पुल बांध रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ प्‍लेयर्स ने कमेंट करने से ही मना कर दिया. फिलहाल धोनी का इस तरह से सीरीज छोड़कर चले जाना कई सवाल खड़े कर जाता है.

धोनी के साथ खेलने में मजा आया
इंडियन टीम में 'द बॉल' के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ का कहना है कि धोनी ऐसा कैप्टन है, जिसके साथ खेलने में काफी मजा आया. उसकी नेतृत्व क्षमता काफी जबर्दस्त है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, धोनी जैसा बाहर से है ठीक वैसा ही अंदर से भी है. धोनी के नेतृत्व में खेलने की एक चीज सबसे अच्छी लगती थी कि वह आपको कभी ऐजी चीज करने के लिये नहीं कहता था, जोकि वह खुद नहीं कर सकता था. इसके साथ ही धोनी अभी तक का सबसे सफल कैप्टन भी है.
सीनियर्स और युवाओं का मिलन
द्रविड़ ने आगे बोलते हुये कहा कि, धोनी ऐसे समय में इंडियन टीम में आया था जब सीनियर ग्रुप बदलाव के दौर से गुजर रहा था. उस समय नये-नये यंग प्लेयर्स आ रहे थे. ऐसे समय में उसने सीनियर्स और यंगस्टर्स के बीच अचछी तरह से तालमेल बिठाया. वह कैप्टन के रूप में ज्यादा बात नहीं करता और अपने काम से आपका सम्मान जीतने की कोशिश करता है. वह कभी भी पीछे नहीं हटता है आगे आकर मोर्चा संभालता था. इसके साथ ही द्रविड़ ने कहा कि, धोनी को छोटे शहरों के प्लेयर्स के लिये प्रेरणास्त्रोत माना जाता है. एक छोटे शहर से आकर इंडियन टीम की कप्तानी करना अपने आप में काफी रोचक है.
सीरीज में मिली हार मुख्य वजह
द्रविड़ ने कहा कि मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी कि वह सीरीज के बीच में ऐसा करेगा. मुझे उम्मीद थी कि वह सीरीज के अंत में ऐसा करेगा क्योंकि भारत को अगले सात या आठ महीने तक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना. द्रविड़ ने कहा कि जहां तक मैं धोनी को जानता हूं अगर सीरीज हारी नहीं होती तो मुझे नहीं लगता कि वह सीरीज के बीच में ऐसा फैसला करता. द्रविड़ ने धोनी की कप्तानी शैली की तारीफ की और उन्हें आक्रामक कप्तान करार दिया. उन्होंने कहा कि भारत की कप्तानी करते हुए वह कभी रक्षात्मक नहीं हुआ. स्पिनरों के साथ वह हमेशा आक्रमण करता था, स्पिन की अनुकूल पिचों पर वह हमेशा नतीजा हासिल करने की कोशिश करता था.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari