गैरों से नहीं अपनों से ही लगता है डर
DEHRADUN: महिला अपराध के आंकड़ों को देखकर यह तो साफ है कि वे घर से बाहर सुरक्षित महसूस नहीं करतीं, लेकिन यह भी सच है कि गैरों से ज्यादा महिलाओं को अपने घर की दहलीज के अंदर ज्यादा डर लगता है. हर वर्ष ऐसे सैकड़ों मामले महिला आयोग में दर्ज हो रहे हैं. ये वे मामले हैं जिनमें विवाहित महिलाओं को पति या ससुराल पक्ष से जान का खतरा है. ऐसे में वे महिला आयोग के दर पर पहुंचीं और सुरक्षा की मांग की.
महिलाओं को जान-माल के खतरे के वर्ष 2016-17 में 419 मामले महिला आयोग को मिले. इनमें 111 मामले दून के थे. वर्ष 2017-18 में 295 मामले सामने आए, जिनमें सबसे ज्यादा मामले 96 हरिद्वार जिले के थे. वर्ष 2018-19 फरवरी तक 274 मामले महिला आयोग में दर्ज हुए. इस बार भी सबसे ज्यादा मामले हरिद्वार के 88 के थे. लेकिन, ओवरऑल दून में सबसे ज्यादा मामले अब तक फाइल हुए.
इस तरह की कंप्लेन - दहेज के लिए शारीरिक उत्पीड़न - डॉमेस्टिक वायलेंस - पति के दूसरी महिला से संबंध, घर में मारपीट - लगातार बेटियां होने पर ससुराल पक्ष द्वारा फिजिकली टॉर्चर आंकडों की तुलनापिछले तीन सालों में देहरादून में महिलाओं की ओर से जान-माल सुरक्षा, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न के कुल 628 केस दर्ज करवाए. जबकि हरिद्वार में इस तरह के 428 केस दर्ज हुए. वहीं, यूएसनगर में 295 केस दर्ज हुए.
जानमाल का खतरा वर्ष केस 2016-17 419 2017-18 295 2018-19 274 घरेलू हिंसा वर्ष केस 2016-17 179 2017-18 99 2018-19 119 दहेज उत्पीडन वर्ष केस 2016-17 168 2017-18 2072018-19 177
(2019 के मामले फरवरी माह तक) केस 1. पति देता है जान से मारने की धमकी नेहरू कालोनी इलाके में रहने वाली एक महिला ने अपने पति के खिलाफ महिला आयोग में एप्लीकेशन देते हुए बताया कि उसके पति के एक महिला के साथ नाजायज संबंध हैं, और वह उसे बार-बार तलाक देने की बात कहता है. इसका विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देता है. आयोग ने पुलिस को मामला रेफर किया. केस 2. ससुराल पक्ष ने की मारपीट दून की एक महिला ने अपने ससुराल वालों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके ससुराल वाले दो बेटियां होने के कारण उसे ताने मारते रहे और घर से जाने को कहा. तंग आकर वह अपने पति के साथ अलग रहने लगी. लेकिन, एक पति की गैरमौजूदगी में ससुराल पक्ष के लोग जबरन घर में घुस गए और उसके व बेटियों के साथ मारपीट करने लगे. इसके बाद उसने महिला आयोग में ससुराल पक्ष के खिलाफ कंप्लेन कराई. आयोग ने दोनों पक्षों के बीच सुलह की कोशिश की लेकिन सुलह नहीं हुई. अब मामला पुलिस के पास है. केस 3. पति ने की जान से मारने की कोशिशदून सहस्त्रधारा रोड की एक महिला ने अपने पूर्व पति के खिलाफ एप्लीकेशन देते हुए बताया कि वो तलाक के बाद से अपने बच्चों के साथ पति से अलग रहती थी. लेकिन उसका पूर्व पति उसे फोन पर जान से मारने की धमकी देता था. एक बार तो वह उसे मारने की कोशिश भी कर चुका है. इसके बाद उसने पूर्व पति के खिलाफ महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई. आयोग में काउंसलिंग के बाद पति अपनी हरकतों से बाज आया.