गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार शामिल हुई असम राइफल्स की महिला टुकड़ी का नेतृत्व कर मेजर खुशबू कंवर ने इतिहास रच दिया। इस दाैरान मेजर खुशबू ने देश की दूसरी महिलाआें के लिए एक खास संदेश दिया। आइए जानें क्या है वाे संदेश...


कानपुर। गणतंत्र दिवस के अवसर पर इस बार राजपथ पर परेड में  ‘नारी शक्ति’ का शानदार प्रदर्शन दिखा। इस परेड में पहली बार शामिल हुई असम राइफल्स की महिला टुकड़ी का नेतृत्व मेजर खुशबू कंवर ने किया। असम राइफल्स की147 महिला सैनिकों की टुकड़ी की कमांडर के रूप में मेजर खुशबू कंवर ने पहली बार राजपथ पर कदमताल कर इतिहास रच दिया। इस दाैरान खुशबू कंवर काफी खुश थीं। खबरों की मानें तो 30 वर्षीय मेजर खुशबू एक बेटे की मां हैं। इनके पति का नाम मेजर राहुल तंवर है। वहीं इनके ससुर महेंद्र सिंह सेना के रिटायर्ड कैप्टन हैं। जिंदगी में सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता
एमबीए करने वाली खुशबू का बचपन से सपना अार्मी में शामिल होकर देश सेवा करना था। राजस्थान में जन्मीं खुशबू ने इस खास माैके पर कहा कि मैं एक बस कंडक्टर की बेटी है। मुझे उन पर गर्व है और उन्हें मुझ पर है। मेरे पिता ने जिंदगी में जितने संघर्ष किए हैं उसके बदले में यह छोटा-सा तोहफा है। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं को भी एक खास संदेश दिया। मेजर खुशबू कंवर ने कहा कि मैं दूसरी महिलाओं को बताना चाहती हूं कि जिंदगी में सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। आज महिलाएं लड़ाकू भूमिका में सक्रिय हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।INA के 4 सैनिक जब पहली बार पहुंचे गणतंत्र दिवस परेड में, उम्र 90 से अधिक लेकिन जज्बा किसी जवान से कम नहीं

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Posted By: Shweta Mishra