Makar Sankranti 2023 : भारत में मकर संक्रांति को पर्व के रूप में मनाया जाता है। मकर संक्रांति सूर्य भगवान का पर्व है। आइए जानें इस खास दिन का इतिहास व महत्व...


कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Makar Sankranti 2023 : मकर संक्रांति देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। 14 जनवरी को मनाया जाने वाला यह विशेष पर्व शुभ उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं और इसे शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति पर्व नई शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। मकर संक्रांति पर विशेष रूप से सूर्य भगवान की पूजा की जाती है, प्रार्थना और आभार व्यक्त किया जाता है। इसके अलावा भक्त मकर संक्रांति के अवसर पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की भी पूजा करते हैं। मकर संक्रांति अनेकता में एकता का आदर्श उदाहरण है। भारत के अलग-अलग राज्यों में मकर संक्रांति को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। महत्व
मकर संक्रांति के आगमन पर, लोग गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, शिप्रा, नर्मदा आदि की पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं। लोग सूर्य देव को नमन करते हैं और पृथ्वी को उसकी गर्म और चमकदार किरणें देने के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं। इसके अलावा मकर संक्रांति पर लोग काशी, त्रिवेणी संगम और गंगा सागर जैसे स्थानों पर रीति-रिवाज से स्नान करने के लिए जाते हैं। मकर सक्रांति को लेकर यह भी मान्यता है कि इस विशेष दिन पवित्र नदी में डुबकी लगाने से सभी को जन्म, मृत्यु और पुनरुत्थान के अंतहीन चक्र से मोक्ष प्राप्त करने में मदद मिलती है।इतिहास उत्तर भारत में मकर संक्रांति के दिन विशेष रूप से खिचड़ी बनायी जाती है। इस दिन पीले रंग की चीजों का दान करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। इसके अलावा मंकर संक्रांति पर तिल, गुड़ आदि भी दान करने का रिवाज है। वहीं किंवदंतियों के अनुसार मकर संक्रांति को लेकर यह माना जाता है कि संक्रांति जिनके नाम पर उत्सव का नाम रखा गया है वह एक देवता थे। इन्होंने संकरासुर नामक दुष्ट का अंत किया था।

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Posted By: Chandramohan Mishra