GORAKHPUR : सैंटा क्लाज. बच्चों की कहानी का वह हीरो जो हर ख्वाहिश को पलक झपकते पूरा कर देता है. सैंटा क्लॉज ऐसा हीरो है जो कहानी खत्म होने के बाद भी दिल में बस जाता है. फिर चाहे बच्चा कहानी की उम्र से निकल कर खुद बच्चों को कहानी सुनाने की उम्र में पहुंच जाए. सेंटा हर उस ख्वाहिश को पूरा कर सकता है जो शायद खुली आंखों से तो दूर बंद आंखों से भी देखना मुश्किल पड़ता हो. क्रिसमस के अवसर पर लोगों की ख्वाहिश जानने के लिए ऐसे ही एक सेंटा क्लाज के साथ आई नेक्स्ट सिटी के डिफरेंट सेगमेंट ऑफ सोसाइटी के लोगों के पास पहुंचा और लोगों की ख्वाहिशें जानने की कोशिश की. लोगों ने सैंटा क्लॉज से अपने साथ शहर के लिए भी बहुत कुछ मांगा. जिससे न सिर्फ उनका फ्यूचर आराम में बीते बल्कि पूरा शहर शांति के साथ विकास करें.


काश सैंटा पूरी कर देता ख्वाहिशमुझे टॉफी चाहिए, खिलौना चाहिए, कपड़ा चाहिए, टैडी चाहिए इस साल ऐसी डिमांड सैंटा क्लाज से बहुत कम हुई। क्योंकि इस साल आई नेक्स्ट के जरिए सैंटा क्लाज से मांगने वाले बच्चे नहीं बल्कि सिटी के पढ़े-लिखे लोग है। जिन्होंने सैंटा से अपनी जरूरतों से अधिक शहर की समस्याओं को दूर करने की ख्वाहिश की। लोगों को मानना है कि टूटी सड़क, गंदगी, इंसेफेलाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी और गल्र्स के साथ हो रहे अपराध को रोकने के लिए अब सरकारी महकमा या पुलिस काफी नहीं है। इसे ठीक करने में सेंटा क्लाज की मदद जरूरी है। अगर सैंटा ख्वाहिश पूरी करें तो हम स्वस्थ, सभ्य, सुरक्षित समाज में रह सकते हैं।


मुझे सेंटा जब भी मिलेगा, मैं उससे अपनी फैमिली की खुशहाली के साथ गोरखपुराइट्स के बीच भाई-चारा मांगूंगा। जिससे पूरे शहर में लोगों के बीच सद्भावना बनी रही। सद्भावना रहेगी तो आपसी झगड़े, छोटे विवाद खुद ही खत्म हो जाएंगे। अमित, प्रोफेशनलसैंटा से मैं सिर्फ इतना मांगूगी कि लोगों के दिल में बैठा बुरी नीयत खत्म हो जाए। जिससे अपराध कम हो सके और कम से कम गल्र्स घर से बाहर सुरक्षित निकल सकें। गल्र्स को ऐसा कुछ दें कि वे अपनी रक्षा खुद कर सकें। डॉक्टर नेहा सिंह

सैंटा क्लॉज मुझे मिल जाए तो मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि सिटी की सड़कें और ट्रैफिक व्यवस्था को सुधार दें। ये दोनों अगर सुधर गये तो पूरा शहर चमकेगा। हालांकि इसे सुधारना हम लोगों को खुद चाहिए। विनीत चौरसिया, प्रोफेशनमेरी सैंटा से सिर्फ इतनी सी विश है कि जब अगला क्रिसमस आए तब तक इंसेफेलाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी का पूरी तरह से खत्म हो जाए। यह ऐसी बीमारी है जिसके सामने तमाम डॉक्टरी नुस्खे भी फेल हो रहे हैं।- डॉ। अरुण गर्गसिटी में फॉरेनर आते हैं और चारों ओर गंदगी का अंबार पाते हैं। मैं सैंटा से सिर्फ यही चाहूंगा कि हमारा शहर साफ-सुथरा हो जाए, जिससे कि टूरिस्ट यहां जब तो बगैर तारीफ किए न रह पाएं। मैं यह भी विश करुंगा कि लोगों में सद्बुद्धि आए।- प्रवीर आर्या, प्रोफेशनलडेवलपमेंट के मामले में अपनी सिटी अब भी काफी पीछे है। मैं सैंटा से यही विश करूंगा कि हमारी सिटी में इस तरह डेवलपमेंट हो कि टूरिस्ट यहां पर आने के लिए मजबूर हो जाएं और साथ ही यहां पर गोरखपुराइट्स की जरूरत के हर सामान आसानी से मिल सकें।- आयुष गुलाटी

अगर सैंटा क्लॉज मिल जाए तो मैं सबसे पहले अपने को सभ्य नागरिक बनने और करप्शन को समाप्त करने की मांग करुंगा। क्योंकि करप्शन ने के कारण सिटी में बहुत बड़ी प्रॉब्लम खड़ी हो गई है।नवीन पांडेय, स्टूडेंट्समैं सैंटा क्लॉज से मांगूगी कि मुझे एक अच्छा इंसान बनने की ताकत दे। सिटी में बहुत गंदगी फैली रहती है। मैं मांगूगी कि सिटी साफ सुथरी रहे और गंदगी न दिखे।स्वप्नील गुप्ता, स्टूडेंट्सअगर कभी सैंटा क्लॉज मिल जाए तो सबसे पहले मैं आईएएस बनने की मांग करुंगी और आईएएस बनकर सिटी की कानून व्यवस्था और अपराध को रोकने करने के लिए साहस की मांग करुंगी।प्रियंका मिश्रा, स्टूडेंट्ससेंटाक्लॉज अगर सिटी की ट्रैफिक सुधार दें तो बड़ी ही मेहरबानी होगी। इसके अलावा सिटी के सड़कें और पावर कट प्राब्लम भी ठीक होनी चाहिए। पावर कट से क्रिसमस सेलिब्रेशन में काफी प्राब्लम आई। डॉ। दीपक टूडी, सोशियोलाजिस्ट, सेंटएंड्रयूज डिग्री कॉलेज फस्र्ट ऑफ ऑल तो सेंटाक्लॉज से यही बोलूंगा कि सिटी में ऐसी चीजें होनी चाहिए जो नेशनल ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर इस शहर की पहचान हो। हां, एक विश और होगी वह है मेरी फैमिली के लिए। जो हमेशा मेरे साथ और स्वस्थ रहे।अमित सिंह, सेक्रेटरी टू जीएम एनई रेलवे
गोरखपुराइट्स के अंदर सिविक सेंस हो। इसके अलावा ट्रैफिक व्यवस्था सुधरे। इसके अलावा मैं सेंटा क्लॉज से यह मांगना चाहुंगी कि मेरी ऐसी कोई गलती न हो जो जिससे दूसरा कोई हर्ट हो।

Posted By: Inextlive