-उद्यमियों ने कहा बिहार को मिले विशेष सुविधा

-केन्द्रीय करों में छूट ,विशेष राज्य का मिले दर्जा

- बिहार में फुड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगाने के लिए सुविधा बढ़े

PATNA : उद्योग किसी भी देश के विकास के लिए जरूरी है। बिहार एक 'ग्रीन स्टेट' और लैंड की समस्या के कारण उद्योग के लिए एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है। आम बजट से अपेक्षाओं के संबंध में उद्यमियों ने कहा कि केन्द्रीय करों में छूट मिले और यहां की परिस्थितियों के हिसाब से प्रावधान बने, जो कि यहां के उद्योग जगत को राहत प्रदान करे। केन्द्रीय कर विशेष रूप से एक्साइज में छूट मिले। इसके अलावा नया कोई कर नहीं लगाया जाए। ऐसा हो तो उनके लिए यह ड्रीम बजट की संज्ञा में रखा जा सकता है। पेश है राज्य के उद्योग जगत के लोगों से बातचीत और विशेषज्ञों की राय।

एक्साइज टैक्स में छूट मिले, साथ ही अन्य केन्द्रीय करों में राहत देने का प्रावधान हो। साथ ही, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की स्थिति बेहतर करने के लिए सरकार भी कदम बढ़ाए। ऐसे प्रावधान हो।

- बासु सर्राफ, सर्राफ रीयल इंफ्रा।

जीएसटी लागू हो ताकि टैक्स का सिमप्लिफिकेशन किया जा सके। ऐसी ही नीतियों को बढ़ावा दिया जाए, जिससे कंफ्यूजन न हो रहे और उद्योगों के लिए भी आसान हो।

- संजय भरतिया, दीना आयरन

विशेष औद्योगिक प्रक्षेत्र की घोषणा बिहार के लिए किया जाए, ताकि इससे उद्योगों को बड़े स्तर पर प्रमोट किया जा सके।

- नवीन कुमार, क्रिएटिव पैकेजिंग

बिहार और बाहर के उद्यमी मिलकर करें काम

क् बिहार औद्योगिक रूप से काफी पिछड़ा है। बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ओपी शाह ने कहा कि मेक इन इंडिया की तर्ज पर मेक इन बिहार का नारा दिया जाना चाहिए। इसके कार्यान्वयन पर काम होना चाहिए। बिहार में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री की बड़ी संभावना है, इससे संबंधित पॉलिसी पर काम हो। सबसे महत्वपूर्ण है कि निवेश का माहौल बनना चाहिए ताकि बाहर के उद्यमी बिहार के उद्यमियों के साथ मिलकर काम करें। निवेश बढ़ाएं।

ख् पॉलिसी आसान बने, काम बने

उद्योग से जुडे़ लोग हमेशा ही इस बात पर जोर देते रहे हैं कि उन्हें जटिल प्रक्रिया का सामना नहीं करना पड़े.पॉलिसी सरलीकृत हो। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट एवं पॉलिसी एक्सपर्ट जीपी सिंह ने कहा कि 'इज ऑफ डूइंग बिजनेस' के फंडे को गंभीरता से लिया जाए। स्टार्ट-अप नीति सरकार लेकर आयी है। साथ ही स्थानीय स्तर पर बिहार के संदर्भ में लैंड एक बड़ा इश्यू है। इस पर भी विचार हो।

- केन्द्रीय करों में छूट दी जाए।

- बिहार में स्थापित किए जाने वाले नए उद्योगों को पांच साल तक आयकर और और केन्द्रीय करों में छूट मिले।

-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री और कृषि उत्पाद से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा मिले।

- मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए आयकर की सीमा छह लाख रुपए करने का प्रावधान हो।

- बिहार में रेलवे की लंबित परियोजनाओं को जल्द पूरा किया जाए।

- जीएसटी लागू हो ताकि टैक्स सिप्लीफिकेशन का लाभ उद्यमियों को भी मिले

- बिहार में भी स्पेशल इकोनामिक जोन बनाया जाए

- उद्योग लगाने के लिए जमीन की शर्तो को आसान बनाया जाए, बिहार के संदर्भ में यह है बड़ी परेशानी

- थर्मल पॉवर प्लांट से उद्योगों को सस्ती बिजली मिले

- छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योगों लगाने के लिए बजट में विशेष सुविधा मिले

Posted By: Inextlive