- ओएनजीसी ऑडिटोरियम में 52 वें इंजीनियर्स डे पर आयोजित हुए कार्यक्रम

- एमएचआरडी मिनिस्टर डॉ। रमेश पोखरियाल निशंक ने की शिरकत, कई इंजीनियर्स को किया गया सम्मानित

- एमएचआरडी मिनिस्टर निशंक ने कहा, एनआईटी को उत्तराखंड में ही संचालित किया जाएगा

DEHRADUN: हमारे देश के इंजीनियर्स और मेधावियों का पूरे विश्व में वर्चस्व है, ऐसे में आने वाली पीढि़यों को पुराने इंजीनियर्स के कार्यो और सोच को आगे बढ़ाने की जरूरत है। युवा इंजीनियर्स को अपने विजन को मिशन बनाना चाहिए। एमएचआरडी मिनिस्टर डॉ। रमेश पोखरियाल निशंक ने संडे को ओएनजीसी ऑडिटोरियम में इंजीनियर्स डे पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने ऐलान किया कि एनआईटी को उत्तराखंड में ही संचालित किया जाएगा।

अनुभव और जोश से मिलकर करें काम

संडे को कौलागढ़ स्थित ओएनजीसी आडिटोरियम में 52 वें इंजीनियर्स डे पर आयोजित समारोह का शुभारंभ डॉ। रमेश पोखरियाल और शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने भारत रत्‍‌न इं। एम विश्वेश्वैरैय्या के चित्र पर माल्यार्पण और दीप जलाकर किया। निशंक ने कहा कि प्रदेश की प्रगति तभी संभव है जब तकनीकी वर्ग समन्वय, ईमानदारी से काम करें। उन्होंने कहा कि छोटे इंजीनियर्स बड़े के साथ समन्वय स्थापित कर काम करें। इससे अनुभव और जोश मिलकर प्रदेश में प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेंगे। विजन को मिशन बनाने की जरूरत है। इं। आरबीएस चौहान ने इं। एम विश्वेश्वैरैय्या के बारे में बताया उनका जन्म 15 सितंबर 1861 को साधारण ब्राहमण परिवार में हुआ था। 1884 में लोनिवि में बतौर एई भर्ती हुए और चीफ इंजीनियर तक पहुंचे। जहां अंग्रेजों ने एक भारतीय को चीफ नहीं बनाया तब उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 1912 में कावेरी नदी पर कृष्णा राज सागर बांध बनाकर दुनिया को आश्चर्य चकित कर दिया। अंग्रेजों ने उन्हें सर और भारत सरकार ने भारत रत्‍‌न से नवाजा। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में इंजीनियरिंग के जरिए अमूल्य योगदान देने के लिए वेटरेन इंजीनियर्स ले। कर्नल बीएम थापा, एनके विजरा, केसर सिंह परगल, आरपी आर्य, मो। ज्वार उल हक, आरएन राय, महीपाल जैन, सुरेश गर्ग, अब्दुल रहमान, मोईन खान को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सीपी शर्मा ने एग्जीक्यूटिव मेंबर थीम की प्रस्तुति दी। कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किए। इस मौके पर इंस्टीट्यूटशन ऑफ इंजीनियर्स के 100 साल पूरे होने पर ब्राउचर का भी लोकार्पण किया। इस दौरान लोनिवि प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा, लघु सिंचाई मुख्य अभियंता मो। उमर ऊर्जा निगम प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा, यूजेवीएनएल प्रबंध निदेशक, एसएन वर्मा, मुख्य अभियंता पीएमजीएसवाई राजेंद्र गोयल, प्रमुख अभियंता ग्रामीण निर्माण वाईडी पांडे, आदित्य दिनकर अध्यक्ष आईओई स्टेट सेंटर, नरेंद्र सिंह काउंसिल मेंबर आईओई कोलकाता आदि मौजूद थे।

ये भी हुए सम्मानित

एनआईटी प्रो। श्याम लाल सोनी, नेशनल इंस्टीट्यूट हाइड्रोलौजी निदेशक शरद जैन, आईआईटी रुड़की के प्रो। डॉ। नारायण प्रसाद पाधी, जीएम तकनीकी विवि दून भुवन चंद्र बिनवाल, लोनिवि एसई शिव कुमार राय, यूजेवीएनएल के आर पुरुषोत्तम सिंह, सिंचाई विभाग एसई विजय पांडे, उत्तराखंड तकनीकी विवि उप कुलपति प्रो। पीके गर्ग, डब्ल्यूआरडी प्रो। दीपक खरे, आईआईएसडब्ल्यूसी निदेशक डॉ। पीके मिश्रा, लोनिवि चीफ एचके उप्रेती, ओएनजीसी पांडचेरी के अधिशासी निदेशक कुलबीर सिंह, यूजेवीएनएल के निदेशक प्रोजेक्ट संदीप सिंघल, सीबीआई के प्रधान वैज्ञानिक अचल मित्तल, आईआईटी रुड़की प्रो। आरडी गर्ग, ओएनजीसी दून के अधिशासी निदेशक योगेंद्र श्रीवास्तव, सिंचाई विभाग लेवल.1 चीफ मुकेश मोहन, लोनिवि इंजीनियर इन चीफ आरसी पुरोहित, एचओडी लघु सिंचाई मो। उमर, ओएनजीसी निदेशक पीके मिश्रा को सम्मानित किया गया।

Posted By: Inextlive