'पाकिस्तानी स्कूलगर्ल' के रूप में अभियान चलाने वाली मलाला यूसुफ़ज़ई और बलात्कार की शिकार महिलाओं के मददगार कांगो के डॉक्टर डेनिस मुकवेगे नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं.


नॉर्वे की राजधानी ऑस्लो में इस पुरस्कार का ऐलान शुक्रवार को भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 2.30 बजे होगा.इस साल शांति  नोबेल पुरस्कार के लिए रिकॉर्ड 259 लोगों के नामांकन आए लेकिन सट्टेबाजों और विशेषज्ञों की नजर में मलाला सबसे मज़बूत हैं.कांगो गणराज्य के गायनाकॉलॉजिस्ट डेनिस मुकवेगे को भी दमदार माना जा रहा है लेकिन भविष्यवाणियां अक्सर गलत निकल जाती हैं.विकीलीक्स को गोपनीय दस्तावेज उपलब्ध कराने के दोषी अमरीकी सैनिक चेल्सी मैनिंग भी इस सूची में है.सबसे युवा होंगी मलालामिस्र के कंप्यूटर वैज्ञानिक मैगी गॉर्बन भी इस दौड़ में हैं. उन्होंने क्रिश्चियन नन बनने के लिए अपने शैक्षिक करियर को तिलांजलि दे दी और बच्चों के लिए चैरिटी स्टीफंस नाम की संस्था स्थापित की. साथ ही रूस की पूर्व गणितज्ञ प्रोफेसर स्वेतलाना गानुशिंका का नाम भी सूची हैं. उन्होंने नागरिकों की मदद के लिए अधिकार ग्रुप बनाया.


अगर 16 वर्षीय मलाला गोल्ड मेडल और 80 लाख स्वीडिश क्रोनर (1.25 मिलियन डॉलर, 780,000 पाउंड) का ये अवॉर्ड जीतती हैं तो वह  नोबेल पुरस्कार पाने वाली सबसे युवा हस्ती होंगी.पाकिस्तान में तालिबान की गोली का शिकार होने के बावजूद उन्होंने लड़कियों के अधिकारों के लिए लगातार लड़ाई लड़ी और सबसे युवा ऐक्टिविस्ट के तौर पर मजबूत दावेदार के रूप में उभरीं.


मलाला वर्ष 2009 में तब चर्चा में आईं जब उन्होंने बीबीसी उर्दू सर्विस के लिए पाकिस्तान के स्वात घाटी में तालिबान राज के बारे में एक ब्लॉग लिखना शुरू किया.इसी गुरुवार उन्होंने यूरोपीय संघ का 65 हजार डालर का सखारोव पुरस्कार जीता, जिसे यूरोप में मानवाधिकारों का सर्वोच्च सम्मान समझा जाता है.सट्टेबाजों ने मलाला की जीत पर 3/5 का भाव लगाया है. इस लंबी सूची में यू2 सिंगर बोनो, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज भी हैं.मुकवेगे भी दौड़ मेंनोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में शामिल मिस्टर मुकवेगे, पहले भी इस सूची में शामिल किए जा चुके हैं. उन्होंने कांगों में विद्रोहियों और सैनिकों द्वारा बलात्कार की शिकार दसियों हजार महिलाओं की मदद के लिए एक अस्पताल और एक फाउंडेशन स्थापित किया है.मलाला की तरह उन्हें भी एक साल पहले मारने की कोशिश की गई. वह ज़ख़्मी हुए लेकिन बच गए और फिर अस्थायी तौर पर यूरोप में निर्वासन में चले गए.इससे पहले  नोबेल शांति पुरस्कार दक्षिण अफ्रीका में नस्लवाद विरोधी आंदोलन के जनक नेल्सन मंडेला, अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, दलाई लामा और म्यांमार में विपक्ष की नेता आंग सान सू की को मिल चुका है.
वर्ष 2012 में ये पुरस्कार यूरोपीय यूनियन को यूरोप में शांति और मेलमिलाप के प्रयासों, लोकतंत्र और मानवाधिकार के लिए दिया गया.

Posted By: Subhesh Sharma