-स्वास्थ्य विभाग के लिए बना सिरदर्द बना मलेरिया, लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या

-मच्छरों पर बेअसर साबित हो रहा मलेरिया विभाग का एंटी लार्वा स्प्रे

ALLAHABAD: पिछले कुछ दिनों से मौसम में जबरदस्त तब्दीली देखने को मिल रही है। दिन और रात के तापमान में भारी अंतर बीमारियों को न्यौता दे रहा है। दिन में गरमी और रात की सर्दी में जरा-सी लापरवाही से लोग इसके चंगुल में फंस रहे हैं। मौसम का उतार-चढ़ाव ही मच्छरों के पैदा होने के लिए मुफीद साबित हो रहा है। ऐसे में मलेरिया भी घर-घर पैर पसार रहा है। मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आप भी होशियार हो जाइए क्योंकि मलेरिया इस साल पिछले सभी रिकार्ड ध्वस्त कर चुका है। मरीजों की संख्या ढाई हजार के पार जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के सिरदर्द बने मलेरिया के मच्छरों पर कीटनाशक दवाएं भी बेअसर साबित हो रही हैं। यही कारण है कि मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। मच्छर लोगों की रातों की नींद उड़ा रहे हैं

31 हजार स्लाइड बनाई

सितंबर में जनपद में मलेरिया मरीजों की संख्या लगभग 2200 थी। बीते अक्टूबर में यह संख्या बढ़कर 2569 हो गई है। यह आंकड़ा पिछले सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर चुका है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अक्टूबर में कुल 31 हजार स्लाइड्स बनाई गई थीं, जिनमें से ढाई हजार से अधिक मरीज सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि नवंबर में मरीजों की संख्या इस आंकड़े को भी पार कर सकती है। फिलहाल, महीने के शुरुआती दौर में ही मरीजों की संख्या ठीक-ठाक पहुंच चुकी है।

सभी उपाय बेअसर

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मलेरिया पर लगाम लगाने के लिए लगातार एंटी लार्वा स्प्रे का छिड़काव किया जा रहा है। लेकिन विभागीय सोर्सेज के मुताबिक, डीडीटी अब मच्छरों पर बेअसर साबित हो रहा है। उनमें दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। लोगों को मच्छरों से बचाव के लिए क्वाइल और लिक्विड का सहारा लेना पड़ रहा है।

यमुनापार ज्यादा प्रभावित

इलाहाबाद में मलेरिया के सर्वाधिक मरीज यमुनापार के इलाकों से आ रहे हैं। लगभग एक तिहाई से अधिक मरीज कोरांव, मेजा और शंकरगढ़ के हैं। यहां पर स्टेट गवर्नमेंट द्वारा प्राथमिकता पर बनवाए जा रहे तालाबों में जमा पानी लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। अक्टूबर में आए कुल मरीजों में 37 मरीज मलेरिया पीएफ के हैं, जिन्हें प्लाज्मोडियम फैल्सीपेरम भी कहा जाता है। मलेरिया का प्रकार काफी घातक है और इसमें मरीज की जान जाने की अधिक संभावना होती है।

लक्षणों पर रखें ध्यान

-रात में ठंड और कंपकंपी के साथ तेज बुखार आना, सिरदर्द, बदनदर्द, जी मिचलाना और थकावट

बॉक्स

डेंगू ने भी तोड़े रिकॉर्ड

डेंगू के साथ मलेरिया के मरीजों की संख्या भी पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या चार सौ का आंकड़ा पार कर चुकी है। ऐसे हालात में खुद स्वास्थ्य विभाग के समझ में नहीं आ रहा है कि बचाव के लिए क्या किया जाए। नवंबर में ही मरीजों की संख्या पांच सौ आंकड़ा पार कर सकती है। विभाग भी अब मौसम के भरोसे है। अधिकारियों का कहना है कि ठंड में तापमान घटने के बाद मच्छर अपने आप गायब हो जाएंगे।

वर्जन

मलेरिया और डेंगू के मरीजों की संख्या अभी तक जिले में सबसे ज्यादा है। रोकथाम के सभी उपाय किया जा रहे हैं। हालांकि, इनमें मरीजों की संख्या दिनप्रतिदिन घट रही है।

-डॉ। पदमाकर सिंह, सीएमओ, इलाहाबाद

Posted By: Inextlive