- पश्चिम बंगाल की सीएम ने नोट बंदी पर पीएम मोदी पर साधा निशाना

- खुद को जेल भेजने की दी चुनौती, आंदोलन जारी रखने का ऐलान

- नारों और शेरो-शायरी से नोट बंदी के खिलाफ केंद्र सरकार पर हमला

LUCKNOW: नोट बंदी के खिलाफ केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि यदि केंद्र सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो आंदोलन जारी रहेगा। नोट बंदी को ब्लैक इमरजेंसी की संज्ञा देते हुए जनता से अपील की कि अब इसको वोट बंदी में बदलने की जिम्मेदारी आपकी है। कहा कि मोदी सरकार लोगों के अधिकार छीन रही है। वे खुद संत हैं तो क्या बाकी लोग चोर हैं। आरोप लगाया कि यूपी और पंजाब चुनाव को ध्यान में रखकर पहले मोदी सरकार ने जमीनें खरीदकर अपनी ब्लैक मनी खपा दी और इसके बाद नोट बंदी का फैसला ले लिया। भाजपा पर आरोप लगाया कि वह दंगे-फसाद की राजनीति करती है।

हिम्मत हो तो मुझे जेल भेजें

राजधानी के वीमेन पावर लाइन चौराहे पर जनसभा में ममता ने चुनौती दे डाली कि यदि पीएम मोदी में हिम्मत हो तो मुझे जेल भेजकर दिखाएं। कहा कि इसी बहाने मुझे कुछ दिन आराम करने का मौका भी मिल जाएगा। सवाल किया कि अगर सबके पास काला धन है तो क्या उनके पास सफेद धन है। यूपी, बिहार, बंगाल के लोग जगह-जगह जाकर असंगठित क्षेत्रों में मजदूरी करते हैं। नोट बंदी के बाद उन्हें वापस घर लौटना पड़ रहा है। स्त्री धन को भी नहीं बख्शा गया, बच्चों का भविष्य भी खतरे में डाल दिया। बीजेपी ने खुद हर राज्य में खाते खोलकर करोड़ों रुपये जमा किए। मैंने एक अखबार में देखा कि बड़े नोट खत्म होने जा रहे है। इसका सीधा मतलब है कि भाजपा नेताओं और कुछ लोगों को इसकी जानकारी थी लेकिन जनता को नहीं बताया गया। विदेश में भी पैसा भेज दिया, उसके बाद नोट बंदी का ऐलान कर दिया।

मैं पीएम होती तो वापस ले लेती फैसला

ममता ने कहा कि यदि मैं पीएम होती तो अपनी गलती को मानकर ऐसे फैसले को वापस ले लेती। पांच सौ के दो नोट अपनी पर्स से निकाल कर दिखाते हुए कहा कि दो तरह के नोट छप रहे हैं, जनता किस पर भरोसा करे। अगर एक हजार का पुराना नोट काला धन है तो दो हजार का नोट सफेद कैसे हो गया। कहा कि हिंदुस्तान एक व्यक्ति की नहीं, जनता की मर्जी से चलता है। लोगों से आह्वान किया कि जो जनता के साथ नहीं है, उसे हटा दो। नोट बंदी के खिलाफ आंदोलन की आजादी की लड़ाई से तुलना करते हुए कहा कि यह वक्त सभी कम्युनिटी के एक होकर जाग जाने और देश बचाने का है। कहा कि मोदी के पीएम बनने से देश की आजादी को खतरा पैदा हो गया है। वे दो साल से मीडिया, बिजनेसमैन को डरा रहे हैं, ब्लैकमेल कर रहे है।

जुमलों के जवाब में शेरो-शायरी

काला धन वापसी को लेकर भाजपा की जुमलेबाजी का जवाब ममता ने शेरो-शायरी से दिया। पीएम मोदी के खिलाफ नये नारे ईजाद कर माहौल अपने अनुकूल बनाने की कोशिश भी की। मोदी के अंदाज में भाषण के दौरान लोगों से जुड़ाव बनाने की कवायद करते हुए बोलीं कि मुझे अभी ठीक से हिंदी नहीं आती है, कुछ गलत बोल दिया हो तो माफ कीजिएगा। दो-चार बार हिंदी में भाषण दूंगी तो ठीक से बोलना आ जाएगा। शेरो-शायरी के साथ अपने भाषण को विराम देने के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आभार भी जताया। कहा कि उन्होंने जनसभा में अपने मंत्री और कार्यकर्ता भेजे, इसके लिए मैं उन्हें आशीर्वाद देती हूं। बांग्ला अंदाज में हिंदी में खुदी को कर बुलंद इतना, मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी तानाशाही नहीं चलेगी, जनता के लिए आवाज दो, नोट बंदी वापस लो जो हमसे टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा

Posted By: Inextlive