क्‍लाउडियो वीरा दे ओलीवेरिया के लिए यह संसार आम इसान के मुकाबले ठीक उल्‍टा है। जी हां ओलीवेरिया संसार को उल्‍टा देखते हैं। यह कोई मजाक नहीं है यह सच है। चालीस साल के ओलीवेरिया संसार को ठीक वैस ही देखते हैं जैसा वो है। ओलीवेरिया ने 40 साल की उम्र में अपनी जिंदगी पर एक किताब लिखी है। ओलीवेरिया का कहना है कि जिंदगी में जंग छोटी हो या बड़ी बिना लड़े नहीं हारनी चाहिए।


आर्थोग्रिप्सासिस नाम की बीमारी से पीडि़त हैं ओलीवेरियाओलीवेरिया आर्थोग्रिप्सासिस नाम की एक बहुत ही नाजुक बीमारी से पीडि़त है। इस बीमारी में शरीर के ज्वाइंट्स फ्यूज हो जाते हैं। जब वो पैदा हुए उनका सिर पीछे की ओर लटका हुआ था। वह दुनिया को उल्टा देख सकते हैं। डॉक्टर्स ने उनकी मां से कहा कि वे उन्हें मरने की इजाजत दे दें क्योकि इस तरह से उनका जीवन बहुत ही दुखद और असहनीय पीड़ा दायक होगा। पर उनकी मां मारिया जोस वीरिया ने अपने बेटे को जीवत रखा।जिंदगी जीने के लिए हर रोज जंग लड़ते हैं ओलीवेरिया
बीते सालों में ओलीवेरिया हर दिन छोटी छोटी जीतों के लिए बहुत बड़ी जंग लड़ता है। उसमे सबसे कठिन काम है पेन से शब्दों को लिखना सीखना जो उसकी मां उसे सिखाती हैं। वह अपने मुंह से पेन दबा कर लिखना सीखता है। उसके होंठ फोन और माउस भी चला सकते हैं। जब सभी ने उससे मुंह मोड़ लिया तब एक ब्रजीलियन ने अकाउंटटेंट के तौर पर उसे पास किया और उसे पब्लिक स्पीच के लिए इंस्पायर किया। ओलीवेरिया ने लिखी अपनी पहली किताब


अब ओलीवेरिया अपनी पहली किताब पब्लिश करने जा रहा है। किताब का नाम है द वर्ल्ड इस रॉन्ग वे अराउंड। साओ पालो के आर्ट म्यूजियम में ओलीवेरिया कि इस किताब को हाल ही में लॉन्च किया गया है। ओलीवेरिया ने कहा कि कितनी भी मुश्किलें क्यों न हो कभी मराने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। मार्टिन्स ने एक साक्षत्कार के दौरान बताया कि हम कभी उसे फिक्स नहीं करना चाहते हैं। हम हमेशा उसे सामान्य काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। इसलिए वह इतना आत्मविश्वासी है। वह सड़को पर चलने से नहीं घबराता है। वह गांता है और डॉन्स भी करता है।आठ साल की उम्र में चला शुरु किया था ओलीवेरिया नेआठ साल की उम्र में ओलीवेरिया ने अपने घुटनो पर चलार शुरु कर दिया था। ओलीवेरिया के परिवार ने अपने पूरे घर को फिर से रिनोवेट करवाया तकि वह घर में आराम से सारे काम कर सके। अब वह संसार के ज्यादातर काम अपने हिसाब से करता है। ओलीवेरिया ने कहा मेरी पूरी जिंदगी में मैने अपने शरीर को संसार से एडाप्ट कर रखा है। मै खुद को दूसरों से ज्यादा अलग महसूस नहीं करता हूं। में एक साधारण इंसान हूं। में चीजों को गिरा हुआ नहीं देखता हूं। ओलीवेरिया ने कहा कि जब भी में इंटरव्यू देता हूं तो यह बात हमेशा करता हूं।

Posted By: Prabha Punj Mishra