आइला वो नींद में निगल गया 'दांत'
पांच दिन बाद पहुंचा अस्पताल
55 साल के एक हिंदुस्तानी आदमी ने अपने डेंचर के एक हिस्से को नींद में निगल लिया और जब वो सुबह उठा तो अपने नकली दांतो का आधा भाग ही मिला जबकि आधा ढूंढने पर भी नहीं मिला। उसने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया और सोचा कि वो या तो डेंचर कहीं रख कर भूल गया है या वो गिर गए हैं। इसके बाद वो अपने रोजमर्रा के काम में लग गया। दो दिन बात उसे कफ जैसा लगा और खांसी भी आने लगी। इसे भी आम बात समझ कर उसने ध्यान नहीं दिया। पर पांचवे दिन तक उसे सीने में जकड़न, दर्द और खाना निगलने में दिक्कत होने लगी तब उसने अस्पताल जाना ही ठीक समझा। जब वो अस्पताल पहुंचा तो उसकार एक्सरे करने पर डाक्टरों ने देखा कि डेंचर का खोया हुआ हिस्सा उसके फूड पाइप की दीवार से चिपका हुआ है। यानि पूरे पांच दिन बाद वो जांच करवा पाया।
करवानी पड़ी सर्जरी
डाक्टरों ने एक्सरे में देखा की ग्रासनली में करीब 30 सेंटीमीटर अंदर की ओर उसकी दीवार से चिपका हुआ डेंचर मौजूद है। जिसने खाने के अंदर जाने का रास्ता रोका हुआ था। डाक्टरों प्रयास किया कि एंडोस्कोपी के जरिए डेंचर को बाहर खींच लिया जाए। लेकिन जब ऐसा करने की कोशिश की गयी एंडोस्कोपी ट्यूब डेंचर के बगल से फिसल गयी। अतत तय हुआ कि इस व्यक्ति की सर्जरी करनी पड़ेगी। इसके बाद एक ऑपरेशन के बाद डेंचर के टुकड़े को बाहर निकाला गया। ऑपरेशन के बाद इस व्यक्ति को बुखार आ गया जो एंटीबायोटिक्स से ठीक हो गया और अब ये शख्स एक दम स्वस्थ है। डाक्टरों ने उसे सलाह दी कि उसे बजाय नकली दांतो के इस्तेमाल के डेंटल इंप्लांटमेंट करा लेना चाहिए।
सामान्य हैं दांत निगलने की घटनायें
इस बारे में बात करते हुए डाक्टर्स ने बताया कि नकली दांतो के इस्तेमाल करने वालों के लिए डेंचर निगल जाना सामान्य बात बन गयी है। जिनके नकली दांत किसी दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाते हैं या सही तरह से फिट नहीं होते वे खाते पीते या सोते हुए अनजाने में उन्हें निगल जाते हैं। ऐसे में लोगों को सही फिटिंग और सुरक्षित डेंचर ही इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।