जो था रोजी का जरिया उसी के सहारे तोड़ा दम
- लोहता में आर्थिक तंगी से परेशान बुनकर ने करघे में फंदा बनाकर लगाई फांसी
1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढजिस करघे पर दिन रात मेहनत कर वो परिवार का पेट पालने की जुगत करता था। उसी करघे पर उसने मौत को गले लगा लिया। मामला लोहता का है। जहां आर्थिक तंगी से परेशान बुनकर शिद्दकी (27 वर्ष) ने साड़ी के सहारे करघे में फंदा बनाकर फांसी लगाकर जान दे दी। रहीमपुर निवासी शिद्दीकी के पास पड़ोस के कुछ लोग जब किसी काम से पहुंचे तो उसको करघे पर लटकता देखकर हैरान रह गए। पड़ोसियों ने शोर मचाया तो लोग इकठ्ठा होने लगे। आनन-फानन में पड़ोसियों ने उसे मंडलीय अस्पताल पहुंचाया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। मृतक की डेढ़ वर्ष पूर्व शादी हुई थी पत्नी की तबियत ठीक न होने से मृतक के ससुर बेटी को लेकर डॉक्टर के पास गए थे। घर पर कोई नहीं था। इस दौरान उसने ये खतरनाक कदम उठाया।