-मंडलीय समेत सभी सरकारी हॉस्पिटल्स में दवाओं का टोटा

-दवाओं के 20 हजार से ज्यादा के लोकल पर्चेज पर लगी रोक से बढ़ी समस्या

-जीवन रक्षक दवाएं न मिलने से मरीज बाहर से खरीदने को मजबूर

स्वास्थ्य मुख्यालय से दवाएं न आने से सिटी के मंडलीय समेत सभी सरकारी हॉस्पिटल्स में दवाओं की समस्या गहराती जा रही है। चिकित्सकीय जांच के बाद पूरी दवा न मिलने के कारण मरीज बाहर से दवा खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। अस्पतालों की डिस्पेंसरी में ज्यादातर जीवन रक्षक दवाएं नहीं हैं। जरूरी दवाओं की लिस्ट से बुखार, दस्त, चर्म रोग व दर्द से राहत देने वाली दवाएं भी नदारद हैं। अधिकारियों की मानें तो ऐसा ऑनलाइन खरीदारी के लिए बन रही व्यवस्था के कारण हो रहा है। इनका कहना है कि मरीजों को दवाओं के लिए ज्यादा परेशान न होना पड़े इसके लिए शासन ने दो माह पूर्व स्वास्थ्य विभाग से खत्म हुई दवाओं की पूरी सूची मंगाई थी।

क्यों बढ़ रही मुसीबत?

अधिकारियों की मानें तो दवा खरीद की व्यवस्था सेंट्रलाइज्ड हो रही है। अप्रैल में जिले के सभी हॉस्पिटल्स की ओर से पोर्टल पर दवाओं की सूची अपलोड की गई है। ताकि संबंधित कंपनी से दवा की खरीद सुनिश्चित की जा सके। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तीन माह की डेडलाइन तय की गई है। उम्मीद है कि जुलाई से हॉस्पिटल में प्रॉपर सभी दवाएं उपलब्ध हो पाएंगी। लोकल परचेज भी बंद है। शासन की ओर से सिर्फ 20 हजार तक के लोकल पर्चेज की छूट है। लेकिन इसमें भी सिर्फ एक ही दवा खरीदी जा सकती है।

स्टॉक होने का दावा

सरकारी हॉस्पिटल्स में दवाओं की कमी साफ दिखाई दे रही है, लेकिन हॉस्पिटल प्रबंधन का दावा है कि यहां दवाओं की उतनी कमी नहीं जितना शोर किया जा रहा है। मंडलीय हॉस्पिटल के अधिकारियों की मानें तो वर्तमान में 226 तरह की आवश्यक दवाओं की सूची में 190 तरह की दवाएं स्टोर में मौजूद हैं। वहीं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में 200 तरह की दवाएं उपलब्ध होने का दावा किया जा रहा है। जबकि यहां दवाओं की भारी कमी है।

इन दवाओं का टोटा

सरकारी हॉस्पिटल्स में मैकोना जीन, एंग्लो डीविन, मेट्रोजील सिरप, पैरासिटामाल, सिटीजीन, बीकॉम्प्लेक्स, ओफ्लासासीन, आई व ईयर ड्राप, बीटाडीन मलहम, मेट्रोजिल टैबलेट आदि की कमी है। वहीं बच्चों के लिए एंटीबायटिक, आयरन, कैल्शियम के अलावा शुगर आदि की दवाओं का स्टॉक नहीं है।

वर्जन--

करीब तीन सौ तरह की आवश्यक दवाओं की खरीद के लिए सूची पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है। अगले माह तक दवाओं का स्टाक आ जाएगा।

डॉ। बीएन श्रीवास्तव, एसआईसी, मंडलीय अस्पताल

कुछ ही दवाएं ऐसी हैं जिससे दिक्कत आ रही है। पोर्टल पर दवाओं की लिस्ट अपलोड होने और सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था के बाद सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी।

डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ, वाराणसी

Posted By: Inextlive