- वेस्ट यूपी में आम इस बार होगा खास, कम होगी पैदावार

- ओले, आंधी-तूफान और ठंड ने मोल को किया खराब

Meerut: फलों के राजा कहे जाने वाले आम का पीक सीजन भी इस बार ऑफ सीजन रहने की आशंका है। क्योंकि मौसम की मार का असर आम पर भी पड़ा है। अब तक लोग बाहरी आम का मजा ले रहे थे, लेकिन इस बार अपने एरिया के आम का मजा लेना लोगों के लिए काफी महंगा साबित होगा। मौसम की मार जहां गेहूं और अन्य फसलों पर पड़ी है वहीं आम पर भी इसका असर साफ दिख रहा है। गर्मी के मौसम में ठंड के एहसास ने आम के पेड़ से मोल ही खत्म कर दिया। कुछ बचा तो उसको आंधी-तूफान और बारिश ने गिरा दिया। ऐसे में इस बार आम सबके लिए खास होने जा रहा है। हर साल रसीला स्वाद देने वाले दशहरी आम की वैरायटी भी मार्केट में कम ही देखने को मिलेगी।

आम को बड़ा नुकसान

हर साल की तुलना में इस बार दशहरी आम का आकार छोटा होगा और उसका स्वाद भी पहले जितना मीठा नहीं होगा। यूपी और हरियाणा के जिस एरिया में यह आम होता है, वहां मौसम की भारी मार पड़ी है। वेस्ट यूपी में किठौर एरिया की शाहजहांपुर मंडी आम की बड़ी मंडियों में से एक है। साथ ही इस एरिया में हजारों हेक्टेयर में आम के बाग हैं। इसी तरह यमुनानगर जिले में भी तीन हजार हेक्टेयर में आम के बाग है। मौसम विभाग और एक्सप‌र्ट्स की मानें तो मौसम की मार से इस बार म्0 प्रतिशत आम को नुकसान हुआ है। इस बार लोगों को आम का पीक सीजन शायद ही देखने को मिले।

इसलिए कम होगी पैदावार

एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट और आम के बड़े व्यापारियों का कहना है इस बार सर्दी अधिक समय तक बनी रही और इसके बाद बेमौसम हुई बारिश ने आम की फसल चौपट कर दी। जिस समय पेड़ों पर मोल आया उन दिनों बारिश होती रही। कभी सर्दी ज्यादा पड़ी तो कभी एक दम से गर्मी। अचानक आंधी-तूफान और तेज हवाएं चली। जहां बारिश ने आम के मोल पर ऐसा असर डाला कि म्0 प्रतिशत मोल खराब हो गया। इनका कहना है कि जून के अंत में सफेदा, चौसा और दशहरी वैरायटी के आम चल जाते हैं। यह लोकल वैरायटी है। इन दिनों जो वैरायटी रही है वह अल्फांसो है।

इस बार रेट रहेगा महंगा

शाहजहांपुर फल मंडी के व्यापारी टिंकू, इस्तकार, महमूद, लाला भजना का कहना है कि इस बार आम का रेट पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। इस समय म्0 से 80 रुपए प्रति किलो आम का रेट चल रहा है। जबकि इन दिनों ब्0 से भ्0 रुपए रेट होना चाहिए। इनका कहना है कि लोकल वैरायटी का रेट भी इस बार ज्यादा रहेगा। क्योंकि मौसम की मार से पैदावार कम है। जो आम फ्0 से ब्0 रुपए किलो बिकता है वह इस बार भ्0 रुपए के आसपास रहने की आसार है। आम के रेट का पूरा श्रेय उसकी पैदावार पर रहेगा। वेस्ट में दशहरी को अधिक स्वादिष्ट माना जाता है। जिसके इंतजार में लोग रहते हैं।

कमाई का सीजन रहेगा ऑफ

यूपी के मेरठ व सहारनपुर जिले में हजारों हेक्टेयर में आम के बाग है। इन बागों से आम हरियाणा, मेरठ की मंडियों में जाता है। यहां से यह आम देश के कोने-कोने में जाता है। यही नहीं विदेशों तक यह आम जाता है। यहां के लोग बाग मालिकों से आम खरीदकर फड़ी लगाकर बेचते हैं। ऐसे में आम की पैदावार कम होने से इन लोगों का कमाई का सीजन भी ऑफ रहने की उम्मीद है। इन मंडियों में सफेदा, चौसा, लंगड़ा, गुलाब जामुन, बंबई और दशहरी आम की वैरायटी का जितना भी आम बिकता है उसमें से 80 प्रतिशत यूपी से ही आता है। इस बार सभी जगहों पर आम की पैदावार काफी कम है।

किठौर में शाहजहांपुर मंडी

वेस्ट यूपी में किठौर क्षेत्र के शाहजहांपुर की मंडी आम के लिए जानी जाती है। यहां आने वाला आम देश विदेश तक जाता है। दशहरी, गुलाब जामुन, लंगड़ा, चौसा, राम चेला, बंबई, फजरू लगभग सभी वैरायटी यहां मिल जाती हैं। इस बार यहां की मार्केट भी ठंडी नजर आ रही है। व्यापारी इस बार आम की पैदावार कम होने से परेशान हैं। यहां से आम दिल्ली, जयपुर, हरियाणा, बंबई और विदेशों तक जाता है। फिलहाल जो दशहरी आम मार्केट में नजर आ रहा है वह लखनऊ से आ रहा है। जैसे टेम्परेचर बढ़ेगा वैसे ही आम भी पकना शुरू हो जाएगा। साथ ही सबसे अच्छा आम टपका होता है। जो पेड़ से टूटकर गिरता है। उसका स्वाद बहुत अच्छा होता है।

वर्जन

इस बार मौसम की मार से आम बेजान हो गया है। गर्मी के मौसम में सर्दी के चलते और बार-बार बारिश ने आम का मोल ही खत्म कर दिया। जिससे आम की पैदावार काफी कम है। अब तक जो आम आ रहा है वह बाहर से आ रह है। हमारे एरिया में आम बीस जून के बाद ही रहेगा। जिसके इंतजार में लोग रहते हैं।

- मो। इस्तेकार, फल व्यापारी, शाहजहांपुर मंडी

Posted By: Inextlive