एक तरफ जहां दिल्ली में किसान आंदोलन चल रहा है। वहीं आज मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को लेकर बात की। पीएम ने इन्हें किसानों का मददगार बताया।

नई दिल्ली (एएनआई)। नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के डर की आशंका के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कृषि सुधार कानूनों ने किसानों के लिए नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं और उन्हें और अधिकार दिए। पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात&य के 71वें संस्करण में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, 'हाल के कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। किसानों की पुरानी मांगें जो कई राजनीतिक दलों द्वारा वादा की गई थीं, अब पूरी हो गई हैं।'

पीएम मोदी ने किसानों की बात की
पीएम ने आगे कहा, 'इस कानून के तहत, किसानों को उपज खरीदने के तीन दिनों के भीतर भुगतान करना अनिवार्य है। यदि भुगतान नहीं किया जाता है, तो किसान शिकायत दर्ज कर सकता है। एक और बड़ा प्रावधान यह है कि क्षेत्र के एसडीएम को एक महीने के भीतर किसान की शिकायत का समाधान करना होगा।' नए कृषि कानूनों के लाभों के बारे में बताते हुए, प्रधान मंत्री ने महाराष्ट्र के धुले से एक उदाहरण का हवाला दिया, जिन्होंने सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के साथ शिकायत दर्ज करने के बाद अपना बकाया प्राप्त किया।

कानून के फायदे का उदाहरण भी दिया
पीएम मोदी ने कहा, 'आपको पता होना चाहिए कि महाराष्ट्र के धुले में एक किसान जितेंद्र भौजी ने इन नए फार्म कानूनों का इस्तेमाल किया। उन्होंने मक्का का उत्पादन किया और इसे सही कीमत पर व्यापारियों को बेचने का फैसला किया। कुल राशि लगभग 3.32 लाख रुपये थी। उन्होंने 25,000 रुपये एडवांस दिए गए। इस बात पर सहमति थी कि उन्हें शेष राशि 15 दिनों में मिल जाएगी, लेकिन उन्हें भुगतान नहीं मिला। उन्होंने शिकायत दर्ज की और कुछ दिनों के भीतर उनका बकाया मिल गया।"

नाराज किसान कर रहे आंदोलन
प्रधान मंत्री ने विशेष रूप से कृषि का अध्ययन करने वाले युवाओं से अनुरोध किया कि वे आस-पास के गाँवों में जाएँ और किसानों को आधुनिक खेती और हाल के कृषि सुधारों के बारे में जागरूक करें। ऐसा करने से, आप देश में होने वाले बड़े बदलाव के भागीदार बन जाएंगे। पीएम मोदी की कृषि कानूनों पर ये चर्चा तब आई जब हजारों किसान कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में और उसके आसपास डेरा डाले हुए हैं। तीन कृषि कानूनों के विरोध में विभिन्न राज्यों के किसानों ने 'दिल्ली चलो' मार्च निकाला।

सरकार बातचीत को तैयार
किसानों के विरोध को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार उनकी "हर समस्या और मांग" पर बातचीत करने के लिए तैयार है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया, कि इस आंदोलन को निरंकारी समागम मैदान में स्थानांतरित किया जाए, हालांकि नाराज किसान अभी भी अपनी बात पर अड़े हैं।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari