दीपावली के त्‍योहार के करीब आते ही पटाखा बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में इस बार भारतीय पटाखा मैन्युफैक्चर्स भारत में मेक इन इंडिया के तहत पटाखे तैयार कर रहे हैं। मैन्युफैक्चर्स का कहना है कि वह भारतीय बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बना चुके चीनी पटाखों को टक्‍कर देंगे। आज देश में चीनी पटाखों की वजह से करीब 40 फीसदी पटाखा कारोबार प्रभावित हो रहा है।


पटाखा शौकीनों की मांगजानकारी के मुताबिक देश में मेक इन इंडिया प्लान के तहत इस बार दीपावली पर पटाखा कारोबार भी होगा। इसके लिए तमिलनाडु के पटाखा मैन्युफैक्चरर पूरी तैयारी कर चुके हैं। इस संबंध में तमिलनाडु फायरक्रेकर्स एंड एमोर्सिस मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस अबिरबेन का कहना है कि तमिलनाडू चीन पटाखों को टक्कर देगा। यहां के पटाखा मैन्युफैक्चर्स ने केंद्र और राज्य सरकार से चीन से गैरकानूनी तरीके से आयातित हाेने वाले पटाखों पर रोक की मांग की है। इतना ही नही सरकार से इस दिशा में रोक की भी बात कही है। इसके साथ ही उन्हें भारत में मेक इन इंडिया के तहत बनाए जाने वाले पटाखों से अवगत कराया है। उन्होंने सरकार को आश्वस्त किया है कि वे भारत में मेक इन इंडिया के तहत बनाए गए पटाखों से पटाखा शौकीनों की मांग को पूरा करेंगे। करीब छह हजार करोड़ रुपये
इतना ही नहीं मैनुफैक्चर्स ने सरकार को अवगत कराया देश में आपूर्ति किए जाने वाले 90 फीसदी पटाखे का करोबार तमिलनाडू में ही होता है। यहां के शिवकाशी में हर साल त्योहार पर करीब करीब छह हजार करोड़ रुपये पटाखा कारोबार होता है। शिवकाशी के पटाखा उद्योग से करीब 6 लाख से अधिक परिवारों की जीविका चलती है। इसके अलावा यहां से देश के हर कोने में पटाखे जाते हैं। ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि वे भारत में मेक इन इंडिया के तहत लोगों को जागरुक किया जाए। उन्हें देश में बनने वाले पटाखों के बारे में बताया जाए और उनके इस्तेमाल के लिए उनसे कहा जाए।

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Posted By: Shweta Mishra