नवरात्र में भगवान श्रीराम के जन्म दिवस जैसा बन रहा संयोग

13 अप्रैल को 8:30 बजे के बाद मनाई जाएगी रामनवमी

2 दिन नवमी होने से लोगों में असमंजस

चैत्र नवरात्र में बन रहे 5 सर्वार्थ सिद्धि व रवि पुष्य योग

- चैत्र नवरात्र के आठवें दिन यानि

13 अप्रैल को अष्टमी व नवमी एक साथ मनेगी.

- अष्टमी के दिन ही सुबह 8.19 बजे नवमी तिथि प्रारंभ होगी, जो अगले दिन सुबह 6.04 बजे तक रहेगी.

Meerut. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है. इस बार यह 13 अप्रैल, शनिवार को रवि-पुष्य नक्षत्र के दिव्य संयोग में मनेगी, जानकारों के मुताबिक, करीब 10 वषरें के बाद ऐसा शुभ संयोग बन रहा है. शुभ कायरें के साथ ही यह दिन भूमि, भवन, वाहन व ज्वैलरी आदि खरीदने के लिए अच्छा रहेगा.

मिलेगी शांति व मनोबल बढ़ेगा

पं. श्रीधर त्रिपाठी ने बताया कि इस दिन भगवान श्रीराम और हनुमानजी की पूजा-अर्चना से शनि की ढैया तथा साढ़े साती से प्रभावित जातकों को अनुकूलता प्राप्त होगी, शनिदेव की कृपा पाने के लिए राम नवमी का दिन श्रेष्ठ रहेगा.

वर्जन

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र व कर्क लग्न में मध्याहन काल में हुआ था. इस दिन गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की भी रचना की थी.

पं. भारत ज्ञान भूषण, ज्योतिषाचार्य

इस बार रामनवमी वेशी योग में है. रामनवमी के दिन खुद शनि केनक्षत्र पुष्य का होना विशेष शुभकारी है. इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना से शुभ फल प्राप्त होगा.

समीर भटनागर, ज्योतिषाचार्य

Posted By: Lekhchand Singh