- डीडीयूजीयू से एफिलिएटेड बीएड कॉलेजेज में हाल ही में हुए थे वाइवा

- दो दर्जन से ज्यादा कॉलेजेज में सामने आया फर्जी शिक्षकों द्वारा वाइवा लेने का मामला

GORAKHPUR: उच्च शिक्षा में शुचिता को लेकर एक तरफ जहां शासन बेहद गंभीर है वहीं गोरखपुर यूनिवर्सिटी के शिक्षकों समेत डिग्री कॉलेजों के शिक्षक इस मंशा में पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। ताजा मामला डीडीयूजीयू से एफिलिएटेड बीएड कॉलेज में हुए वाइवा से जुड़ा है। यूनिवर्सिटी की तरफ से नामित टीचर प्रो। लोकेश त्रिपाठी और डॉ। भूपेंद्र सिंह शहर के ललिता कॉलेज ऑफ एजुकेशन में बीएड फ‌र्स्ट इयर की प्रैक्टिकल एग्जाम लेने पहुंचे थे तो ये मामला सामने आया। वहां कोई भी अनुमोदित शिक्षक नहीं मिला। आठ टीचर्स के सापेक्ष तीन टीचर ही मौजूद थे। जिस व्यक्ति को प्राचार्य बताया गया वह नेट उत्तीर्ण नहीं था और ना ही अनुमोदित मिला। वहीं इसी कॉलेज में बीएड फ‌र्स्ट इयर का स्टूडेंट अरविंद कुमार रक्षा अध्ययन में पीजी स्टूडेंट है और बीएड कक्षाओं में पढ़ाता है। तीसरी टीचर सगीना अंसारी ने यूनिवर्सिटी में एमएड सेकेंड इयर की परीक्षा दी है जिसका रिजल्ट नहीं आया है। ऐसे टीचर्स की उपस्थिति में ही प्रैक्टिकल परीक्षा ली गई। वहीं अधिकतर छात्राध्यापकों की फाइल और एसाइनमेंट पूरा नहीं था और परीक्षा के समय जमा भी नहीं किया। यह तो रहा एक कॉलेज का मामला। ऐसे दो दर्जन से ज्यादा कॉलेजेज हैं जहां इसी तरह बीएड प्रैक्टिकल में लिए गए वाइवा में मानकों की धज्जियां उड़ाई गईं। जब इसकी जानकारी यूनिवर्सिटी को हुई तो जिम्मेदारों होश उड़ गए। यूनिवर्सिटी प्रशासन अब आनन-फानन में जांच कर कार्रवाई की बात कर रहा है।

मामला सामने आने पर मचा हड़कंप

बता दें, डीडीयूजीयू से संबद्ध बीएड कॉलेजेज में बीते दिनों प्रैक्टिकल संपन्न हुए हैं। लेकिन इन बीएड कॉलेजेज के एडेडेड कॉलेज में फर्जी शिक्षकों द्वारा वाइवा लिए जाने का मामला प्रकाश में आने से हड़कंप मचा हुआ है। यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड दो दर्जन से ज्यादा सेल्फ फाइनेंस कॉलेजेज में बीएड फ‌र्स्ट इयर के स्टूडेंट्स के जो वाइवा लिए गए थे वे मानक के विपरीत थे। इस मामले की जानकारी परीक्षा सामान्य विभाग के पास पहुंच चुकी है। बता दें, परीक्षा सामान्य विभाग की तरफ से सभी कॉलेजों से बीएड वाइवा के लिए डेट मांगी गई थी। कॉलेज प्रशासन द्वारा डेट दिए जाने पर वाइवा लेने वाले शिक्षकों की सूची गोपनीय विभाग से भेजी जाती है। कुछ दूसरे यूनिवर्सिटी से शिक्षक वाइवा लेने आते हैं तो कुछ आसपास के कॉलेज के ही शिक्षकों को वाइवा लेने के लिए भेज दिया जाता है। लेकिन दो दर्जन से ज्यादा कॉलेजेज में इसमें मानकों की धज्जियां उड़ाने का मामला आने पर जांच शुरू हो चुकी है।

एमएड स्टूडेंट्स ने ले लिया वाइवा

यूनिवर्सिटी परीक्षा सामान्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, जिन कॉलेजेज में यह मामला प्रकाश में आया है उनमें ज्यादातर में बीएड सेकेंड इयर व एमएड सेकेंड इयर के स्टूडेंट्स को वाइवा लेने के लिए भेजा गया था। इसकी जानकारी होने पर कुछ कॉलेज के बीएड स्टूडेंट्स ने इसका विरोध भी दर्ज कराया तो कॉलेज प्रबंधन भी मानने को तैयार नहीं हुआ। अब इस मामले में यूनिवर्सिटी की तरफ से जांच कर सख्त कार्रवाई की बात कही जा रही है।

फैक्ट फिगर

डीडीयूजीयू में बीएड की सीट - 50

डीडीयूजीयू से संबद्ध एडेड कॉलेज - 6

डीडीयूजीयू से संबद्ध सेल्फ फाइनेंस कॉलेज - 93

डीडीयूजीयू से संबद्ध कुल बीएड कॉलेज - 101

डीडीयूजीयू में बीएड स्टूडेंट्स - 50

डीडीयूजीयू से संबद्ध एडेड कॉलेज में स्टूडेंट्स - 450

डीडीयूजीयू से संबद्ध सेल्फ फाइनेंस कॉलेज के स्टूडेंट्स - 13,950

डीडीयूजीयू से संबद्ध कुल बीएड स्टूडेंट्स - 14,450

वर्जन

बीएड कॉलेज में वाइवा लेने के मामले में जांच कर कॉलेज को नोटिस जारी की जाएगी। मानकों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सख्त कार्रवाई होगी।

- डॉ। ओम प्रकाश, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू

Posted By: Inextlive