कॉलेजेज में भी कई वोकेशनल कोर्सेज में लगा ताला
RANCHI : रांची यूनिवर्सिटी के कॉलेजेज में चल रहे कई वोकेशनल कोर्सेज भी बंद हो चुके हैं। इन कोर्सेज के लिए कॉलेजेज में न तो इंफ्रास्ट्रक्चर व फैसिलिटीज है और न ही स्टूडेंट्स एडमिशन लेते हैं, पर कॉलेज और यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को इसकी सुध नहीं है।
कॉलेज और बंद होनेवाले कोर्सेज - कॉलेज - जेएन कॉलेज धुर्वा बंद होनेवाले कोर्स- बीबीए, बीसीए और आईटी वजह- स्टूडेंट्स का एडमिशन नहीं लेना 2- कॉलेज- डोरंडा कॉलेज बंद होनेवाले कोर्स-टीटीएम और ओएमएसपी वजह- नहीं मिले स्टूडेंट्स 3- कॉलेज- रामलखन सिंह यादव कॉलेज कोकर बंद होनेवाले कोर्स- आईटी और बीबीए वजह- कम स्टूडेंट्स का होना 4- कॉलेज- रांची कॉलेज बंद होनेवाले कोर्स- एमबीए -वजह- स्टूडेंट्स कम होना कोर्स बंद करने संबंधी क्या है रूल्स एंड रेगुलेशंसजिस वोकेशनल कोर्स में दस से कम स्टूडेंट्स होते हैं, उसे बंद कर देने का प्रॉविजन है। दरअसल ये वोकेशनल कोर्सेज सेल्फ फाइनांस सिस्टम पर चलते हैं, ऐसे में स्टूडेंट्स के एडमिशन नहीं लेने से कोर्सज को चलाना मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि रांची यूनिवर्सिटी के कॉलेजेज में वैसे कोर्सेज, जिसमें पिछले कई सेशन से स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम रही है, उसे बंद करने का फैसला लिया गया।
वर्जनकई वोकेशनल कोर्सेज के प्रति स्टूडेंट्स का रूझान नहीं होता है। ऐसे में वे एडमिशन नहीं लेते हैं। कुछ कोर्सेज जब शुरू किए गए थे तो स्टूडेंट्स की संख्या काफी ज्यादा थी, पर धीरे-धीरे स्टूडेंट्स की संख्या कम होती गई।
डॉ एसके सिन्हा प्रिंसिपल, जेएन कॉलेज धुर्वा पहले वोकेशनल कोर्सेज में स्टूडेंट्स एडमिशन लेते थे, लेकिन इस सेशन में एक भी स्टूडेंट ने एडमिशन नहीं लिया। ऐसे में हम क्या कर सकते हैं। वैसे कोर्सेज के बारे स्टूडेंट्स को जानकारी जरूर दी जाती है। डॉ सीताराम साहू प्रिंसिपल, डोरंडा कॉलेज स्टूडेंट्स ने कहा वोकेशनल कोर्स में बेहतर करियर नहीं बन पा रहा है। आरयू में वोकेशनल कोर्सेज की पढ़ाई की अच्छी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में एडमिशन लेने का कोई तुक नहीं है। नंदन कुमार वोकेशनल कोर्सेज में बेहतर प्लेसमेंट नहीं है। ऐसे में इसकी पढ़ाई करने का कोई फायदा नहीं है। मेरा मानना है कि वोकेशनल कोर्सेज से अच्छा रेगुलर कोर्स करना है। ओसामा रांची यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में कौन -कौन वोकेशनल कोर्सेज चल रहे हैं, इसकी जानकारी स्टूडेंट्स को नहीं मिल पाती है। ऐसे में किस कोर्स में एडमिशन लें, समझ नहीं पाते हैं। प्रियव्रतकोर्स शुरू करने के पहले इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है। किस कोर्स का क्या फ्यूचर है, यह भी पता नहीं चल पाता है। ऐसे में एडमिशन लेने से क्या फायदा होगा।
संतोष कुमार