- हाइवे से उतरने वाले मोड़ हुए खतरनाक

- कॉशन और रोड साइन बोर्ड के अभाव के चलते खतरा

GORAKHPUR: शहर में कई जगहों पर सड़कें बड़े हादसों का सबब बन सकती हैं। सड़कों से जुड़ने वाले रास्तों के अंधे मोड़ पर कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है। दिन में कम खतरनाक दिखने वाली सड़कों पर शाम ढलते ही खतरा दोगुना बढ़ जाता है। मेन रोड से जुड़ने वाले रास्तों पर कॉशन बोर्ड और किसी तरह का रोड साइन बोर्ड न बने होने से रोजाना लोग हादसों का शिकार होते-होते बच रहे हैं। सोमवार देर रात करीब एक बजे मोहद्दीपुर चौराहे पर तेज रफ्तार फोर व्हीलर की चपेट में आने से बाइक सवार बाल-बाल बचे। चौराहे के पास पुलिस चौकी पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों से मिलकर बाइक सवारों ने चौराहे पर साइन बोर्ड लगवाने की गुजारिश की। पुलिस कर्मचारियों ने उनको आश्वस्त किया कि इस बात को एसएसपी तक पहुंचाएंगे।

सड़क सुधरने से बढ़ गई रफ्तार

शहर में सड़कों की दशा सुधरने से वाहनों की रफ्तार बढ़ गई है। ऐसे में हादसों की संभावना बढ़ती जा रही है। ट्रैफिक पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि छोटे-मोटे एक्सीडेंट रोजाना होते हैं। कोई बड़ी घटना होने पर सबका ध्यान उस ओर जाता है। शहर के विभिन्न इलाकों में मुख्य सड़कों से जुड़ने वाले मोड़ों पर कोई सावधानी बरतने का बोर्ड नहीं लगाया गया है। इस वजह से अक्सर वाहन सवारों के एक-दूसरे के सामने पड़ने से आपस में टकराने की नौबत आ जाती है।

स्पॉट एक: मोहद्दीपुर चौराहा

इस चौराहे का चौड़ीकरण करा दिया गया है। इस चौराहे पर गोलंबर का निर्माण नहीं हो सका है। रात में चारफाटक रोड पर बने शॉपिंग माल की लाइट्स जलती हैं। सामने से आने वाले वाहन चालक चार फाटक की ओर से आ रहे वाहनों को देख लेते हैं। लेकिन रेल म्यूजियम से सीधे मोहद्दीपुर की ओर जाने वाले वाहन चालकों को चारफाटक से तेज रफ्तार में आने वाले वाहन नहीं दिखाई पड़ते। इससे रोजाना दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। शहर में एक दर्जन से अधिक ऐसी जगहे हैं जहां अंधा मोड़ होने से कभी भी बड़े हादसे हो सकते हैं। ठंड के मौसम में घना कोहरा गिरने पर एक्सीडेंट की संभावना ज्यादा हो जाएगी। इसलिए समय रहते इसको काबू करना बहुत जरूरी है।

स्पॉट दो: पीएसी कैंप चौराहा

जेल बाईपास रोड पर पीएसी कैंपस कॉलोनी से सड़क आकर मिलती है। पीएसी कैंपस से पुल पार कर मेन रोड पर आने वाले लोग तेजी से वाहन लेकर हाइवे पर चढ़ते हैं। सड़कों पर कोई ब्रेकर या रोड साइन बोर्ड न होने से वहां अक्सर एक्सीडेंट की संभावना बनी रहती है। कई बार वाहनों की मामूली टक्कर को लेकर विवाद हो जाते हैं।

स्पॉट तीन: दाउदपुर मोड़

दाउदपुर मोहल्ले से सड़क निकलकर हाइवे पर मिलती है। विधायक निवास के सामने से होकर गुजरने वाली सड़क के मोड़ पर चढ़ते समय दाहिनी ओर से आने वाले वाहनों से एक्सीडेंट की आशंका रहती है। दाउदपुर से आने वाले वाहन कई बार तेज रफ्तार में सड़क पार करते हैं। इससे दाहिनी और बाई ओर से बराबर एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है।

स्पॉट चार: व्ही पार्क

मोहद्दीपुर से पैडलेगंज जाने वाले मेन रोड पर व्ही पार्क के पास सड़क मिलती है। रेल म्यूजियम की ओर से पैडलेगंज की ओर जाने वाले लोग अचानक हाइवे पर आ जाते हैं। रोड का चौड़ीकरण पूरा न होने से दोनों ओर खतरनाक गड्ढे हैं। ऐसे में हाइवे से तेज रफ्तार वाहनों से टक्कर होने के चांस रहते हैं।

हादसों के मुख्य कारण

- वाहन चलाते समय लापरवाही बरतना

- अचानक किसी वाहन को ओवर टेक करना

- मोड़ पर सड़कों की चौड़ाई कम होना

- रोड साइन बोर्ड और सिंबल का अभाव

ये होने चाहिए उपाय

- सड़कों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए जाएं

- सुरक्षा के लिए रोड साइन, स्पीड ब्रेकर बनवाने चाहिए

- एक्सीडेंट वाली जगहों पर बैरियर लगवाए जाएं

- सड़कों के मोड़ पर चमकने वाला चिन्ह बनाना जरूरी होता है

- सड़कों के किनारे जगह-जगह सड़क सुरक्षा संबंधी स्लोगन लगाए जाने चाहिए

- सड़कों की इंजीनियरिंग सुधारने के लिए समय-समय पर कार्रवाई होनी चाहिए।

वर्जन

हत्या से ज्यादा मौतें एक्सीडेंट से होती है। हादसों को रोकने के लिए उपाय किए जाएंगे। ठंड में घने कोहरे की वजह से ऐसी जगहों पर अक्सर घटनाएं हो जाती हैं।

- आदित्य प्रकाश, एसपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive