क्या जीएसवीएम मेडिकल कालेज की एमबीबीएस स्टूडेंट अमृता सिंह की जान एग्जाम्स के स्ट्रेस ने ली? या फिर कुछ और बात थी जिसके लिए उसने जान देना ही सही समझा। क्या उसे जान देने के लिए मजबूर किया गया। या फिर वह खुद ही टूट गई। अपनी मौत के बाद अमृता ऐसे ही कई सवाल छोड़ गई जिसका जवाब नहीं मिल रहा है।

कानपुर (ब्यूरो)। फ्राईडे को अमृता का शव शुक्लागंज के पास गंगा किनारे मिला। मेडिकल कालेज में अमृता की मौत का गम साफ दिखाई पड़ा। अमृता के परिजनों से लेकर उसके बैच मैट हर कोई गमजदा नजर आए। वहीं मेडिकल कालेज प्रिंसिपल ने अमृता की मौत के मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है। इसी के साथ मेडिकल स्टूडेंट्स मेें स्ट्रेस का पता लगाने और उनकी काउंसिलिंग भी शुरू की जाएगी।

गोताखोर के साथ जुटी जल पुलिस
अमृता सिंह ने थर्सडे दोपहर को गंगा बैराज से छलांग लगाई थी। उसकी कोई खोज खबर नहीं मिलने से गुस्साए मेडिकल स्टूडेंट्स फ्राईडे को बड़ी संख्या में गंगा बैराज पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बैराज पर जाम भी लगा दिया। मेडिकल कालेज से स्टूडेंट्स को समझाने के लिए प्रो। नीना गुप्ता, प्रो। यशवंत राव और डॉ।संजय कुमार भी पहुंचे। एसपी वेस्ट ने भी छात्रा की तलाश में पूरा जोर लगाने की बात कही तब जाकर स्टूडेंंट्स शांत हुए और जाम हट सका। अमृता सिंह का शव दोपहर बाद शुक्लागंज की तरफ गंगा किनारे मिला। इससे पहले सुबह से ही स्थानीय मछुवारे और गोताखोर गंगा बैराज के पास छात्रा की तलाश कर रहे थे। उनके साथ जल पुलिस भी लगाई गई थी।

अकेलेपन से होती थी परेशान
अमृता सिंह के ही बैच में पढऩे वाले एक मेडिकल स्टूडेंट के मुताबिक अमृता पढऩे में अच्छी थी,लेकिन वह अकेले रहने से परेशान होती थी। वह जब भी स्ट्रेस में होती थी तो अटल घाट में जाकर बैठ जाती थी। थर्सडे को वह जब हॉस्टल से निकली तो उसने अपनी फ्रेंड और परिजनों से फोन पर कहा था कि वह बाजार जा रही है। हालाकि अभी भी उसकी दोस्तों और परिजनों से क्या बात हुई वह साफ नहीं है।

जिन सवालों के जवाब मिलने हैं
- ऐसी क्या वजह थी कि अमृता ने जान देने का रास्ता चुना?
- यह वजह उसकी पढ़ाई से जुड़ी थी या कुछ और बात थी ?
- क्या उसे जान देने के लिए किसी ने मजबूर किया था?
- अमृता सिंह ने आखिरी बार फोन पर किससे बात की थी?
- अमृता पढ़ाई में अच्छी थी उसे एग्जाम्स का क्यों स्ट्रेस था?

कारणों की जांच करेगी कमेटी
मेडिकल कालेज प्रिंसिपल डॉ।आरती लालचंदानी ने मेडिकल स्टूडेंट्स से पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह कमेटी सुसाइड करने के कारणों की जांच करेगी। इसके अलावा अगर बच्चों को किसी बात का स्ट्रेस है। तो उनकी काउंसिलिंग भी की जाएगी। इसके लिए साइकियाट्री डिपार्टमेंट के हेड डॉ।धनंजय चौधरी से बात की है।
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Posted By: Satyendra Kumar Singh