- उज्जवला गैस योजना के तहत दिए गए कनेक्शन होल्डर्स रिफिल लेने में नहीं हैं सक्षम

GORAKHPUR: केंद्र सरकार की उज्जवला गैस योजना की आग बुझती नजर आ रही है। योजना के तहत जिले में भी बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिए गए। लेकिन अब इनमें से ज्यादातर सिलेंडर लेने की स्थिति में ही नहीं हैं। आलम यह है कि योजना के तहत कनेक्शन लेने वालों में से 20 फीसदी भी सिलेंडर नहीं ले रहे हैं। जब इस बात की पड़ताल दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने की तो किसी उज्जवला गैस कनेक्शन होल्डर ने गरीबी को कारण बताया, तो कुछ ने सब्सिडी को इसकी वजह बताई। ऐजेंसी पर बिना कनेक्शन के पैसे जमा हुए सब्सिडी न मिल पाने से भी ये लोग सिलेंडर नहीं ले पा रहे हैं। इन सबके बीच सिलेंडर न बिकने से डिस्ट्रिीब्यूटर परेशान हैं तो उज्जवला योजना में सिलेंडर न लिए जाने से अधिकारी।

सब्सिडी में भी दिक्कत

एक मई 2016 से शुरू हुई उज्जवला योजना गरीब परिवारों की महिलाओं के चेहरों पर खुशी लाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने एक मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरूआत की थी। इसके अंतर्गत गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन दिए गए। योजना का उद्देश्य गरीब महिलाओं को मिट्टी के चूल्हे से आजादी दिलाना है। इससे महिलाओं की सेहत भी ठीक रहेगी। योजना के तहत बीपीएल परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन (भरा सिलेंडर, रेग्युलेटर, पाइप, स्टोव) नि:शुल्क दिया गया। इसके बाद चूल्हा खरीदे जाने के लिए 1600 रुपए की मदद की जानी थी। लेकिन अब योजना के लाभार्थी दोबारा सिलेंडर नहीं ले पा रहे हैं। वजह है कि दोबारा सिलेंडर लेने पर तब तक सब्सिडी नहीं मिलती जब तक कनेक्शन के रुपए जमा नहीं हो जाते। रुपए जमा होने के बाद ही सब्सिडी खातों में जाने लगती है।

फैक्ट फिगर

गोरखपुर जोन में दिए गए कनेक्शन

गोरखपुर - 145467

कुशीनगर -183044

महाराजगंज - 104918

देवरिया - 111586

बस्ती - 107182

संतकबीर नगर - 46359

सिद्धार्थनगर - 85932

केस वन

खोराबार की रहने वाले ज्ञानमती पत्नी गणेश को जब उज्जवला योजना के तहत नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन मिला तो पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लेकिन जब गैस खत्म हुई तो खुशी काफूर हो गई। एजेंसी पर पता चला कि सिलेंडर आठ सौ रुपए में मिलेगा और सब्सिडी तब तक नहीं मिलेगी जब तक कनेक्शन के रुपए जमा न हो जाएं। इसके बाद आज तक ज्ञानमती के घर में सिलेंडर नहीं आया। भोजन चूल्हे पर पक रहा है।

केस टू

कड़जहां की रहने वाली माया बताती हैं उज्जवला योजना के तहत सिलेंडर मिला था। भारत गैस एजेंसी के यहां कनेक्शन है। कनेक्शन वे ले चुकी हैं, लेकिन इतना पैसा नहीं है कि वे गैस खरीद सकें। वे फिर से अपने चूल्हे पर ही खाना पका रही हैं।

वर्जन

उज्जवला योजना के तहत जो कनेक्शन दिए गए हैं। उनमें कम लोग ही सिलेंडर लेने आ रहे हैं। जो लोग आ रहे हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सिलेंडर दिया जा रहा है।

- रमेश कुमार, सीनियर एरिया मैनेजर, इंडियन ऑयल

Posted By: Inextlive