अगर आप से कहा जाये कि कोई आप को दिमाग पढ़ सकता है तो आप इसे मजाक ही समझेंगे। आप कहेंगे कि मेरे दिमाग में क्‍या चल रहा है ये मैं जनाता हूं ना कि कोई और। वैसे दुनिया के सबसे कम उम्र के अरबपति और सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट के मालिक मार्क जुकरबर्ग इन दिनो दूसरों का दिमाग पढ़ने की तैयारी कर रहे हैं। ये सुन कर आप चौंक जरूर गये होंगे।


50 मिलियन का किया इंवेस्टमेंटमार्क जुकरबर्ग माइंड रीडिंग ब्रेन इंप्लांट विंग डेवलप करने के लिए फडिंग कर रहे हैं। मार्क अपने इस प्रोजेक्ट के लिए 50 मिलियन डॉलर इंवेस्ट कर रहे हैं। जिससे वो दुनिया में सबसे खतरनाक डिसीज को समझ सकें। ये फंड चेन जुकरबर्ग बायोहब के जरिये खर्च किये जायेंगे। ये बहुत सारे प्रोजेक्ट पर काम करेगी। इसमे से कुछ प्रोजेक्ट बीमारियों के साथ टेक्नोलाजी से भी जुड़े हुये हैं। ये लोगों का दिमाग पढ़ने के लिए विकसित किये जा रहे हैं। अभी ये डेवलपमेंट विंग सिर्फ मेडिकल एप्लीकेशन पर फोकस करना चाहती है। दिमाग पढ़ने की तैयारी में जुकरबर्ग
कंपनी के प्रोजेक्ट में एक है कोर्टेरा। इसमें चिकित्सकीय रूप से व्यवहार्य और न्यूनतम इनवेसिव तंत्रिका इंटरफेस कुछ गंभीर डिसेबिलिटीज की जांच करने के लिए तैयार किया जायेगा। कोर्टेरा न्यूरोटेक्नोलॉजी डॉक्टर रिक्की मूलर ने 2013 में शुरु की थी। ये मेडिकल डिवाइस डिजाइन करती है। इसका काम न्यूरोलॉजिकल कंडीशन में इनोवेटिव ट्रीटमेंट प्रोवाइड करना है। केलेफोर्नियां फर्म हाई डेंसिटी माइक्रोइलेक्ट्रानिकोग्राफी एरेस को डेवलप कर रही है। चेन जुकरबर्ग बायोहम ने लिखा है कि डॉक्टर मूलर एक न्यू वायरलेस माइक्रो सिस्टम तैयार कर रहे हैं। जो लंबे समय तक दिमाग से संपर्क रख सकेगा।

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Posted By: Prabha Punj Mishra