गोमांस खाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने अपने ब्लॉग में लिखा कि उन्होंने खाया है गोमांस और आगे भी अगर मन किया तो इसे खायेंगे. उन्होंने ये बात अपने ब्लॉग में गोहत्या पर प्रतिबंध को अलोकतांत्रिक बताते हुए कही है. काटजू इससे पहले भी कई विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं.


गौ हत्या पर प्रतिबंध को अलोकतांत्रिक व सामंती सोच का सबूत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्ट्सि मार्कंडेय काटजू ने इसका विरोध किया है. अपने ब्लॉग में इस बारे में कहा है और यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने गोमांस खाया है और मौका मिलेगा तो फिर खायेंगे. काटजू का कहना है गौ हत्या पर पाबंदी लगाने की बात सिर्फ राजनीतिक  कारणों से की जा रही है. अपनी बात को साबित करने के लिए दिए पांच तर्क


उन्होंने इस बारे में पांच तर्क भी दिए हैं. उनका कहना है कि गोमांस सस्ते प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है. उत्तर-पूर्वी राज्यों जैसे नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और केरल में गोमांस की बिक्री पर रोक नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्होंने इसे खाया है और परिवार की भावनाओं का सम्मान करते हुए खाना बंद किया पर मौका मिला तो फिर खा सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी बातों से दुनिया हम पर हंसती है. उन्होंने गौ हत्या के खिलाफ बातें करने वालों पर व्यंग करते हुए कहा कि वे उन गायों की फिक्र क्यों नहीं करते जो सड़कों पर कचरा खाती घूमती हैं और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं होता. काटजू ने सवाल उठाया कि दुनिया के कई देशों के लोग गोमांस खाते हैं तो क्या वे सभी पापी हैं.  ये हैं पहले के पांच विवादित बयान काटजू इससे पहले भी कई विवादित बयान दे चुके हैं. बयान नंबर एक: हाल ही में उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर बयान दिया कि वे देशद्रोही थे और अंग्रेजों के एजेंट थे. बयान नंबर दो: मार्कंडेय काटजू ने सुभाष चंद्र बोस को बताया पाखंडी और लालची. बयान नंबर तीन: काटजू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें कांग्रेस पार्टी से अलग हो जाना चाहिए क्योंकि उनके रहते पार्टी का हाल बेहाल रहेगा. बयान नंबर चार: मार्कंडेय काटजू ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में किरण बेदी को बीजेपी का मुख्यीमंत्री कैंडीडेट बनाने का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि उनकी जगह शाजिया इल्मी को मुख्यमंत्री बनाने की बात करनी चाहिए क्योंकि वे खूबसूरत है और इसलिए उन्हें वोट ज्यादा मिलेंगे.

बयान नंबर पांच: पिछले दिनों जब क्रोशिया में हुए इलेक्शन में उनकी फर्स्ट वोमेन प्रेसिडेंट ग्रैबर किटरोविक चुनाव जीतीं तो काटजू ने कहा कि इंडिया में भी कैटरीना कैफ को प्रेसिडेंट बना देना चाहिए. उनके हिसाब से लीडर्स हमेशा झूठे वादे करते हैं लेकिन कभी पब्लिक के लिए कुछ करते दिखाई नहीं देते. इसीलिए बेहतर है कि किसी ब्यूटीफुल एक्ट्रेस को प्रेसिडेंट इलेक्ट कर लें, क्योंकी जब काम किसी को नहीं करना है तो कम से कम सुंदर को वोट दिया जाए. ताकि मीडिया में उसके अट्रैक्टिव फेस को देख कर लोगों को कुछ अच्छा फील हो. उन्होंने तो ये भी कहा शपथ ग्रहण में कैटरीना चिकनी चमेली पर परफार्म भी करें.

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Posted By: Molly Seth