शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सोमवार को 1 प्रतिशत से ज्यादा फिसल कर बंद हुए। कमजोर ग्लोबल रुख के बीच आईटी शेयरों में जबरदस्त बिकवाली की वजह से इंडेक्स में गिरावट आई।


मुंबई (पीटीआई)। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 861.25 अंक या 1.46 प्रतिशत नीचे 57,972.62 अंक के स्तर पर आकर बंद हुआ। दिन के कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1,466.4 अंक या 2.49 प्रतिशत फिसल कर 57,367.47 अंक के निचले स्तर तक आ गया था। इसी तरह एनएसई निफ्टी भी 246 अंक या 1.4 प्रतिशत लुढ़क कर 17,312.90 अंक के स्तर पर आ गया।मारुति सेंसेक्स पैक में टाॅप गेनरसेंसेक्स पैक में शामिल टेक महिंद्रा टाॅप लूजर रहा। यह 4.57 प्रतिशत फिसल कर बंद हुआ। इसके बाद इन्फोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलाॅजी, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा स्टील, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शेयर बिकवाली के दबाव में आकर टूट गए और भारी नुकसान में लाल निशान के साथ बंद हुए। वहीं दूसरी ओर मारुति, नेस्ले, एशियन पेंट्स, आईटीसी, एमएंडएम और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर लाभ के साथ बंद हुए।


कच्चा तेल 101.8 डाॅलर प्रति बैरल

एशिया में सियोल, टोक्यो और हांगकांग के शेयर बाजारों में कारोबारी सौदे नीचे भाव पर बंद हुए। वहीं शंघाई के शेयर बाजार में कारोबारी सौदे तेजी के साथ खत्म हुए। यूरोपीय बाजारों में मिड सेशन सौदे नुकसान में किए गए। अमेरिकी शेयर बाजारों में कारोबारी सौदे शुक्रवार को भारी गिरावट के साथ बंद हुए थे। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का सौदा 0.79 प्रतिशत तेजी के साथ 101.8 डाॅलर प्रति बैरल के भाव पर किया गया। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 51.12 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।यूएस फेड ने दिए सख्त नीतियों के संकेतजियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि भारत जैसे उभरते बाजारों में विदेशी निवेश की वजह से ही हाल में तेजी आई थी। पिछले कुछ दिनों से निवेशक विदेशी निवेश के बाहर जाने की आशंका के बीच बिकवाली कर रहे हैं। जुलाई में महंगाई के नरम आंकड़े जारी होने के बाद निवेशक उम्मीद कर रहे थे कि नीतियां भी इसी के अनुरूप नरम होंगी लेकिन जेरोम पॉवेल के सख्त नीतियों के संकेत दिए हैं। ऐसे में आर्थिक मंदी की आशंका से अमेरिकी शेयर बाजारों में तेज गिरावट देखी गई। इससे दुनिया भर के बाजार प्रभावित हो रहे हैं।

Posted By: Satyendra Kumar Singh