AGRA 8 Feb. : डीबीआरएयू में लगातार हो रहे फर्जीवाड़ों की पूरी कलई खुलना बाकी है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है लेकिन विवि स्तर से जांच अधर में लटकी है. हर ओर से मामले पर पर्दा डालने की कवायद चल रही है. फ्राइडे को विवि के पुराने गेस्ट हाउस के पीछे मिलीं वर्ष 2011 की मार्कशीट्स इस मामले में एक अहम सुराग हो सकती हैं. मार्कशीट को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. लेकिन इन सवालों के जबाव पुराने गेस्ट हाउस में बंद हैं. विवि अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.


किसने डालीं मार्कशीट्सविवि में फ्राइडे को जिस तरह से मार्कशीट मिली हैं उसे देखकर तो लगता है कि मार्कशीट का फर्जीवाड़े से कोई कनेक्शन जरुर है। जबकि सबसे अहम सवाल है कि यह मार्कशीट वहां तक पहुंची कैसे? किसने मार्कशीट को गेस्ट हाउस के पीछे डाला और क्यों? विवि अधिकारी भले ही इन मार्कशीट्स को वेस्ट बता रहे हों, लेकिन बात तो कुछ और ही है। जो भी सारी बातें जांच के बाद साफ हो जाएंगीं। खुलना चाहिए तालाविवि में पुराने गेस्ट हाउस के पीछे मार्कशीट मिलने के बाद गेस्ट हाउस का ताला खुलने की बात सामने आने लगी है। कई कर्मचारी और छात्र दबी जबान से कह रहे हैं कि वीसी और अधिकारियों को गेस्ट हाउस का ताला खुलवाकर जांच करानी चाहिए। अगर इस गेस्ट हाउस का ताला खुलता है, कई चौंकाने वाले राज सामने आएंगे। चार्ट और डाटा यहीं बंद है


विवि का महत्वपूर्ण डाटा और कई वर्षों के चार्ट इसी गेस्ट हाउस में बंद हैं। मेरठ से काम करने आई सिद्धविनायक एजेंसी का

सामान पिं्रटर और कम्प्यूटर्स भी इसी गेस्ट हाउस में रखे हैं। लेकिन इसको जर्जर इमारत का नाम देकर इसको बंद कर दिया गया। ताकि कोई इसकी तरफ ध्यान न दे और उनका खेल चलता रहे। अब अगर इस इमारत को लेकर पुलिस जांच करती है, तो बहुत कुछ सामने आएगा.

Posted By: Inextlive