बिन 'आधार' नहीं होगा शादी का इकरार
(आई स्पेशल)
- मैरिज रजिस्ट्रेशन कराने के लिए दूल्हा-दुल्हन का आधार कार्ड है जरूरी -यूपी गर्वनमेंट ने जरूरी कर दिया है मैरिज रजिस्ट्रेशन -शादी करने वालों के साथ पुराने जोड़े भी करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन 1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ आने वाले वक्त में आपके घर में शादी है जोर-शोर से तैयारी चल रही होगी। मेहमानों की लिस्ट से लेकर मंडप, पंडित सबका इंतजाम हो रहा होगा। हर संभव कोशिश होगी कि कुछ जरूरी ना छूट जाए जिससे समारोह में किसी तरह की परेशानी हो। तो जरा हमारी बात पर गौर करिएगा सबकुछ के साथ वर-वधू का आधार कार्ड बनवा लीजिएगा। वरना शादी तो हो जाएगी लेकिन इसे सरकारी मान्यता नहीं मिलेगी। हमारी बातों से चौंकिये मत। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूपी गर्वनमेंट ने सभी धर्मो में शादी के बाद मैरिज रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस पूरा के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है।रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
(फार योर हेल्प) - शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आधार कार्ड जरूरी है - पति-पत्नी का एक-एक पासपोर्ट साइज फोटो - शादी के प्रमाण के तौर पर शादी का एक फोटोग्राफ - दूल्हा और दुल्हन के जन्म का प्रमाणत्र - शादी की तारीख, स्थान आदि का कोई प्रूफ- शादी का कार्ड अगर हो तो
सर्टिफिकेट एक लेकिन फायदे हैं अनेक (फार योर इंफार्मेशन) -मैरिज सर्टिफिकेट सरकारी दस्तावेज की तरह मान्य होगा। -पासपोर्ट बनवाने या मैरिड प्रूफ तौर पर कर सकते हैं इस्तेमाल - विदेश यात्रा के दौरान या विदेश में बसने के लिए है बड़ा साक्ष्य। - बैंक या किसी अन्य जगह सरनेम चेंज करवाने में ये होगा जरूरी। - फैमिली डिस्प्यूट के केस में प्रमाण के तौर पर लगा सकते हैं। - पहले से शादीशुदा होने पर दूसरी शादी करने या धोखा देने के दौरान होगा सबसे बड़ा प्रूफ - सम्पत्ति बंटवारे के दौरान साक्ष्य के रुप में हो सकता है इस्तेमाल (जैसा की जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल सिंह ने बताया)