RANCHI : राजधानी व आसपास के इलाकों में थैलेसीमिया और एनीमिया के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। चूंकि इन्हें समय-समय पर ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। पर इसकी जानकारी नहीं होने के कारण थैलेसीमिया और एनीमिया से ग्रसित व्यक्ति की शादी के बाद उनके बच्चों को भी यह बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में डॉक्टरों की सलाह है कि शादी से पहले कपल अपना टेस्ट करा लें ताकि आने वाले बच्चों को इस मर्ज से बचाया जा सके।

अवेयरनेस से ही बचाव

सदर हॉस्पिटल सुपरस्पेशियलिटी में दो महीने में 400 थैलेसीमिया और सिकल सेल से ग्रसित मरीजों की काउंसलिंग की। साथ ही उन्हें बताया गया कि अवेयरनेस से ही इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। नहीं तो जानकारी के अभाव में यह बीमारी तेजी से फैलती जाएगी। वहीं बच्चों में लक्षण पाए जाने पर उनका टेस्ट भी कराया गया।

बच्चे पर नहीं पड़ेगा इफेक्ट

शादी से पहले इन बीमारियों से ग्रसित लोग पार्टनर का टेस्ट करा लें कि कहीं वह भी तो इस बीमारी से ग्रसित नहीं हैं। इससे आने वाले बच्चे को बीमारी से बचाया जा सकता है। वहीं कपल्स में अगर किसी एक में भी इन बीमारियों के लक्षण नहीं पाए जाते हैं तो उनका बच्चा भी इन बीमारियों से दूर रहेगा।

वर्जन

अवेयरनेस प्रोग्राम के तहत हम लोग मरीजों की काउंसलिंग कर रहे हैं ताकि मरीजों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाई जा सके। साथ ही मरीजों को बता रहे हैं कि कैसे वे अपने रिश्तेदारों और दोस्तों में लक्षण मिलने पर अलर्ट हो जाएं। यह आने वाली पीढि़यों के लिए काफी मददगार साबित होगी।

डॉ.धर्मेद्र कुमार रजक, साइकोलॉजिस्ट, सदर हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive