गरीब परिवार के युवक-युवतियों का सामूहिक विवाह समारोह

इस्लाम संघर्ष मोर्चा की पहल, जोड़े को तोहफे में मिले गीता, कुरान व बाइबल

एक साथ पादरी, काजी, पाहन व पंडित ने जोड़ों को दिया आशीर्वाद

>RANCHI: मिल्ली सेंट्रल हॉल में सोमवार को दस जोड़ों का सामूहिक विवाह हुआ। यहां ऐसे युवक-युवती एक-दूजे के हुए जिनका रिश्ता सालों से तय था, लेकिन शादी में होने वाले खर्च की वजह से वह परवान नहीं चढ़ पा रहा था। वहीं कई जोड़े ऐसे भी थे, जिनके रिश्ते को धर्म और परिवार की मंजूरी नहीं मिल रही थी। इनके रिश्तों के गवाह पादरी, काजी, पाहन और पंडित एक साथ बने। धर्म की दीवारों को तोड़ते हुए इस सर्वधर्म सामूहिक विवाह ने न सिर्फ इन जोड़ों को मिलाया, बल्कि समाज में आपसी भाईचारे की मिशाल भी कायम कर दी।

दस जोड़े एक-दूजे के हुए

मिल्ली सेंट्रल हॉल में दस जोड़े का सामूहिक विवाह कराया गया। अलग-अलग धार्मिक समुदाय से जुड़े युवक-युवतियां ने इस आयोजन में एक-दूजे के साथ जीने-मरने की कसमें खाई। इस्लाम संघर्ष मोर्चा के महासचिव मो। सज्जाद इदरिसी ने बताया कि इस सामूहिक विवाह के लिए उन्होंने अध्यक्ष मो। शमशेर खान के साथ मिलकर अलग-अलग इलाकों में सर्वे किया। इसमें कई घर ऐसे मिले, जहां लड़के और लड़की की शादी तय हो गई थी, लेकिन विवाह के तामझाम और इसमें होने वाले भारी खर्च को लेकर यह परवान नहीं चढ़ रहा था। कई जोड़े ऐसे भी थे, जिनकी शादी तय हुए दो साल बीत चुके थे। कुछ में अलग धर्म की अड़चन थी तो कुछ विवाह प्रेम प्रसंग के कारण रुका हुआ था। ऐसे ही दस जोड़ों को चुनकर एक मंच पर विवाह कराने के लिए लोगों को राजी कराया गया।

ये हुए एक दूसरे के

जावेद अंसारी और रेहाना खातून, अर्जुन राम और बेबी, सुरेश नगेसिया और मीना देवी, सुनील उरांव और पारिया देवी, अम्बुज शाही और मुरिगी पुष्पा, घुरन लोहरा और सीता कुजूर, मुकेश कुमार और ज्योति कुमारी, दिलमोहन और पूनम कुमारी, विजय कच्छप और फूलमणि कुमारी, विनीत तिर्की और मीनू कश्यप

Posted By: Inextlive