छेड़ा तो मुंह सुजा देगा एक मुक्का
-शोहदों की काट बनेगा मार्शल आर्ट
-यूनिवर्सिटी और कॉलेजेस की छात्राओं को मिलेगी विशेष ट्रेनिंग -नए सेशन से अमल में लाई जाएगी योजना, कोताही न बरतने के निर्देश vikash.gupta@inext.co.in ALLAHABAD: पिछले कुछ समय में महिलाओं के साथ होने वाली आपराधिक घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है। खासकर, लड़कियों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। दिक्कत तब और बढ़ जाती है जब शोहदे उन्हें सरेआम परेशान करते हैं और लड़कियां कुछ नहीं कर पातीं। लेकिन फ्यूचर में नजारा बदल सकता है। हो सकता है कि लड़कियों को कमजोर समझकर शोहदे उनके साथ मनमानी की हिमाकत करें और बदले में उन्हें जोरदार पंच खानी पड़ जाए। ताकि बन सकें शारीरिक रूप से दक्षजी हां, कुछ ऐसे ही सोच के साथ शासन ने गर्ल्स के लिए ऐसे इंस्ट्रक्शन जारी किए हैं। ताकि गर्ल्स अपनी सिक्योरिटी खुद कर सकें। दरअसल,शासन ने सभी विश्वविद्यालयों,शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों के नाम जारी किए गए पत्र में कहा है कि वे अपने यहां पढ़ने वाली छात्राओं को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दें। जिससे वे न केवल शारीरिक रूप से दक्ष हो सकें बल्कि खुद की सुरक्षा भी कर सकें।
बना लें टाइम टेबलप्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन नीरज कुमार गुप्ता की ओर से जारी किए गए पत्र में इस काम में देरी न किए जाने की सख्त हिदायद दी गई है और कहा गया है कि नए एकेडमिक सेशन से ही ट्रेनिंग की शुरुआत कर दी जाए। इसके लिए टाइम टेबल तैयार कर लेने को कहा गया है। बता दें कि अभी तक यूनिवर्सिटी और कॉलेजेस में फिजिकल एजुकेशन का ही कार्यक्रम संचालित किया जा रहा था। लेकिन नई पहल ने गर्ल्स की सुरक्षा के लिए उम्मीदों के कई नए रास्ते खोल दिए हैं।
इंटरनेशनल लेवल तक पहुंची थी बदायूं की गूंज उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से प्रदेश में महिलाओं व लड़कियों के खिलाफ एक के बाद एक घटनाएं सामने आ रही हैं। इनमें रेप की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। बदायूं में दो लड़कियों के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद उन्हें फांसी पर लटका दिए जाने की घटना की इंटरनेशनल लेवल पर भारत की किरकिरी हो चुकी है। जिसके बाद से महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित विशेषज्ञ लगातार यह मांग कर रहे थे कि यूपी में लड़कियों को आरम्भिक स्तर से आत्सुरक्षा के उपायों की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। स्टेट गवर्नमेंट की नई पहल इसी का नतीजा मानी जा रही है।