साल 2012 में अर्जुन मुंडा सरकार ने सेनानी पार्क व हेरिटेज गैलरी बनाने की घोषणा की थी

स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स खेलगांव में लखनऊ के अंबेडकर पार्क की तर्ज पर बनना था सेनानी पार्क

राज्य सरकार के कला व संस्कृति विभाग में पड़ी है डीपीआर की फाईल

11.70 करोड़ होना था खर्च, मुंबई की कंपनी ने भी किया था दौरा

RANCHI: झारखंड के वीर सपूतों को सच्ची श्रद्धांजलि देने व नई पीढ़ी को उनकी वीरता से अवगत कराने की राज्य सरकार की योजना तीन साल से खटाई में पड़ी हुई है। लखनऊ के अंबेडकर पार्क की तर्ज पर होटवार स्थित स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स खेलगांव में साल 2012 में स्वतंत्रता सेनानी पार्क और हेरिटेज गैलरी बनाने की घोषणा राज्य सरकार ने की थी। इसके निर्माण को लेकर डीपीआर भी बन गया था। लेकिन, बाद में सरकार ही बदल गई और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने की यह योजना भी धरातल पर नहीं उतर पाई।

पांच एकड़ में बनना था स्वतंत्रता सेनानी पार्क

पांच एकड़ में बनने वाले इस स्वतंत्रता सेनानी पार्क में 11.70 करोड़ रुपए खर्च किए जाने थे। इसके लिए तत्कालीन अर्जुन मुण्डा सरकार ने मुंबई की एक जानी-मानी कंपनी से डीपीआर भी बनवाया था। इस कंपनी के अधिकारियों की टीम ने सेनानी पार्क निर्माण को लेकर लखनऊ स्थित अम्बेडकर पार्क का दौरा भी किया था। वहीं, अंबेडकर पार्क बनाने वाली कंपनी से भी कंसल्ट किया गया था। तब के कला, संस्कृति व खेलकूद मंत्री सुदेश कुमार महतो ने इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया था। लेकिन, यह योजना सरकार बदलते ही उपेक्षा की शिकार हो गई।

अलग राज्य के आंदोलनकारियों की भी लगनी थी प्रतिमाएं

देश भर में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष करने वाले समाजसेवियों के नाम पर लखनऊ में अंबेडकर पार्क बनाया गया है। इसमें भगवान बिरसा मुण्डा की प्रतिमा भी लगाई गई है। इसी पार्क की तर्ज पर झारखंड की सरकार ने भी होटवार स्थित खेलगांव के मेगा स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स में हेरिटेज गैलरी और सेनानी पार्क बनाने की घोषणा की थी। इसमें झारखंड के स्वतंत्रता सेनानियों के अलावा अलग राज्य के लिए लड़ने वाले अमर शहीद आंदोलनकारियों की प्रतिमाएं भी स्थापित की जानी थीं। साथ ही शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की संक्षिप्त वीरगाथा भी गैलरी में उपलब्ध करानी था।

टूरिस्ट प्लेस पर केंद्र ने भी लिया था इंट्रेस्ट

खेलगांव के मेगा स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स होटवार में बनने वाले सेनानी पार्क और हेरिटेज गैलरी को पुरातत्व विभाग की मदद से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना था। भारत सरकर के कला व संस्कृति विभाग ने भी इस योजना को लेकर अपना इंट्रेस्ट दिखाया था। इतना ही नहीं, इसे झारखंड के ऐतिहासिक स्थलों के मॉडल के रूप में भी स्थापित किया जाना था, ताकि एक जगह पर झारखंड के संपूर्ण ऐतिहासिक महत्व को समझा जा सके। लेकिन, राज्य सरकार की लापरवाही के कारण यह योजना खटाई में पड़ी हुई है।

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स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर राजनीति

झारखंड में फिलहाल कोई पार्क या गैलरी नहीं है, जहां देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने वाले झारखंड के स्वतंत्रता सेनानियों की एक जगह प्रतिमाएं हों यहा उनके बारे में कहीं जानकारी हो। ऐसे में झारखंड में सेनानी पार्क और हेरिटेज गैलरी बनाने की मांग उठी थी, जिसका निर्माण राजनीति का शिकार हो गया। विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ ही कला और शिक्षा जगत से जुड़े लोग भी इस मुहिम में शामिल हुए थे। लेकिन, डीपीआर बनने के बाद भी यह योजना साकार नहीं हो पाई। राज्य में अर्जुन मुंडा के बाद हेमंत सोरेन और अब रघुवर दास की सरकार है।

राज्य सरकार भी गंभीर नहीं

झारखंड के स्वतंत्रता सेनानियों की याद में बनने वाले सेनानी पार्क को लेकर झारखंड की मौजूदा राज्य सरकार भी कोई पहल नहीं कर रही। जबकि इस पार्क की फाइल अभी भी झारखंड सरकार के कला और संस्कृति विभाग में पड़ी है। लेकिन झारखंड सरकार के कला और संस्कृति मंत्री अमर कुमार बाउरी ने भी अब तक इस योजना को लेकर कोई काम नहीं किया है।

Posted By: Inextlive