देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड में मैनेजमेंट व कामगारों के बीच सैलरी को लेकर पिछले छह महीनों से चला आ रहा विवाद खत्‍म हो गया। कंपनी के गुड़गांव और मानेसर परिसरों में कामगारों और प्रबंधकों के बीच हुए वेतन समझौते के मुताबिक प्रत्‍येक कामगारों का औसत वेतन 16800 रुपये बढ़ाने पर सहमति बन गई है।


तीन साल में मिलेगा मारुति उद्योग कामगार संघ के महासचिव कुलदीप जंघू ने कहा, गुड़गांव और मानेसर दोनों संयंत्रों के श्रमिक संघों का प्रबंधन से समझौता हो गया। उन्होंने बताया कि समझौते के मुताबिक, यह वृद्धि तीन साल में (एक अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2018 के बीच) लागू की जाएगी। यह वृद्धि प्रथम वर्ष में 50 फीसदी और बाद के दो वर्षों में 25-25 फीसदी लागू की जाएगी। एक सोर्स ने बताया कि जो कर्मचारी कंपनी की बस सुविधा का इस्तेमाल नहीं करते, उन्हें सात साल तक हर महीने 2,000 रुपये परिवहन भत्ते के तौर पर दिए जाएंगे।उपहार की घोषणा
गौरतलब है कि सैलरी विवाद को लेकर मारुति के तीनों कर्मचारी संघ मारुति उद्योग कामगार संघ, मारुति सुजुकी कामगार संघ और मारुति सुजुकी पॉवर ट्रेन कामगार संघ और प्रबंधकों के बीच 40 बैठकें हुईं। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी काइची आयुकावा ने समझौता पूरा होने की खुशी जाहिर की है। उन्होंने कर्मचारियों को 3,000 रुपये उपहार देने की भी घोषणा की है। बता दें कि कंपनी ने सितंबर 2012 को हुए समझौते के तहत कामगारों को वेतन 18 हजार रुपये बढ़ाया था। उसे भी तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया था।

Posted By: Inextlive