जो कभी जरायम की दुनिया के बेताज बादशाह कहे जाते थे लेकिन वह अब कोरोना से बचाव के लिए ढाल बन गए हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं सेंट्रल जेल में सालों से सजा काट रहे बंदियों की। कोरोना से बचाव के लिए बंदी दिन रात मेहनत कर मास्क तैयार कर रहे हैं। इनकी सप्लाई अन्य जिलों में भी की जा रही है।

बरेली (ब्यूरो)बंदी शाने अली सजा से पहले टेलरिंग का कार्य करते थे, उसने बताया कि कोरोना का प्रकोप बढ़ने के बाद कारागार प्रबंधन के आदेश पर दस लोगों की टीम तैयार कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया। पिछले एक सप्ताह से डेली 500 मास्क तैयार किए जा रहे हैं। कॉटन के कपड़े को डिटॉल में डुबोकर और सूखने के बाद मॉस्क तैयार कराए जा रहे हैं।

बदायूं भेजे गए मास्क

जेल अधीक्षक के अनुसार कोरोना का प्रकोप बढ़ते ही हेड ऑफिस के निर्देश पर जेल परिसर में जगह-जगह अवेयरनेस के लिए पोस्टर-बैनर लगाए गए और लाउड स्पीकर से अनाउंसमेंट कर अवेयर किया जा रहा है। वही तीन दिन पहले सेंट्रल जेल से बदायूं जिला जेल में 200 मास्क भी भेजे गए।

मास्क नहीं तो खाना नहीं

जेल अधीक्षक ने कोरोना से बंदियों के बचाव के लिए आदेश जारी किया है सभी को मास्क मुहैया करा दिए गए हैं। जो भी बिना मास्क के परिसर में घूमते या काम करते दिखेगा उसे खाना नहीं दिया जाएगा। इस डर से बंदी मास्क का उपयोग कर रहे हैं।

'कोरोना को लेकर पूरी तरह से सर्तकता बरती जा रही है। बंदियों को दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं वहीं दस बंदियों की टीम खुद मास्क तैयार कर रही है। यहां से अन्य जिलों की जेल में भी मास्क भेजे जा रहे हैं।'

- अशोक कुमार सागर, जेल अधीक्षक

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Posted By: Bareilly Desk