DEHRADUN : हर मनुष्य अपने जीवन में सुख, शांति, आनंद, समृद्धि और स्वास्थ्य चाहता है। ऐसा सोचना और चाहना स्वाभाविक भी है, क्योंकि यह सब जीवात्मा के मूल गुण हैं। यह विचार राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रेमलता ने श्रेष्ठ मूल्यों की स्थापना द्वारा खुशनुमा जीवन जीने की कला विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रखे। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सुभाषनगर सेवा केंद्र के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सब कुछ चाहते हुए भी अधिकांश लोग अशांत और तनावयुक्त जीवन जी रहे हैं क्योंकि पूंजीवादिता, भौतिकवादिता ने मनुष्य की सुख, शांति और संतुष्टता छीन ली है।

Posted By: Inextlive