PATNA: बिहार में मातृ मृत्यु दर राष्ट्रीय स्तर से काफी ज्यादा है। यह चिंताजनक है। वर्तमान में बिहार में यह ख्क्0 है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर मातृ मृत्यु दर क्7ब् है। इसलिए हमारी कोशिश है कि जागरूकता और एक सार्थक प्रयास से इस अंतर को कम किया जाए।

उक्त बातें ऑब्सटेट्रिक एंड गायनोकोलोजिकल सोसाइटी द्वारा आयोजित ख्भ्वें बॉगस्कॉन ख्0क्म् सम्मेलन के दूसरे दिन कांफ्रेंस की सेक्रेटरी डॉ विनीता सिंह ने कही। दूसरे दिन का थीम स्त्री रोग पर आधारित था। मुख्य रूप से महिलाओं के मृत्यु दर में बढ़ोतरी, प्रसव अवस्था में होने वाली बीमारियों और उपचार पर चर्चा हुई।

ओवेरियन डिजिज पर फोकस

लड़कियों में होने वाले रोग पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजिज पर भी चर्चा हुई। युवा अवस्था में इस बीमारी का इलाज नहीं करवाने से भविष्य में कैंसर, बच्चे ना होना जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। वजन बढ़ना, हार्मोनल गड़बड़ी, माहवारी में अनियमितता इस बीमारी के लक्षण हैं, जिसका इलाज तुरंत कराना चाहिए। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शांति राय, डॉ मंजू गीता मिश्रा, डॉ प्रमिला मोदी, डॉ कुसुम कपूर, डॉ अनिता सिंह, डॉ कुमकुम सिन्हा, डॉ मोना हसन सहित अन्य उपस्थित थे।

चिकित्सकों के सामने है चुनौती

भ्वें बॉगस्कोन सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने किया। इस दौरान उन्होंने बॉगस्कोन को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बांझपन आज एक समस्या है, उसके निदान में बिहार संतोषप्रद तरीके से आगे बढ़ रहा है.जन्म और मृत्यु दर में कमी आई है। कहा कि चिकित्सकों के सामने काफी चुनौतियां हैं।

Posted By: Inextlive