राजधानी सहित प्रदेश में दो सालों में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज
- राजधानी सहित प्रदेश में दो सालों में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज आए सामने
- अभी तक राजधानी में डेंगू के 1716 मरीज सामने आए और इससे 6 मौतें भी हुई LUCKNOW: हेल्थ डिपार्टमेंट लगातार दावे करता आ रहा है कि राजधानी समेत प्रदेश में डेंगू के डंक का असर कम हुआ है। वहीं विभाग के आंकड़े इसके विपरीत बता रहे हैं कि पिछले दो साल का रिकार्ड इस बार डेंगू के मामले में टूट गया है। इस साल नवंबर तक राजधानी में 1716 और प्रदेश में 5677 डेंगू के केस सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिले डेटा के अनुसार, लखनऊ में 6, कानपुर में 3, बराबंकी में 2, हरदोई एवं उन्नाव में एक-एक मरीज की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। लगातार बढ़ रहे पेशेंटडॉक्टर्स का कहना कि आमतौर पर डेंगू का असर अक्टूबर माह में कम होने लगता है, लेकिन इस बार नवंबर में भी लगातार इसके मरीज बढ़ रहे हैं। गवर्नमेंट और निजी हॉस्पिटल में कार्ड जांच से डेंगू के मरीजों की पहचान की जा रही है। जबकि विभाग एलाइजा टेस्ट के बाद ही डेंगू की पुष्टी की बात कह रहा है। राजधानी में रोजाना तीन सौ से अधिक मरीजों की जांच हो रही है। प्राइवेट अस्पतालों में भी डेंगू का इलाज किया जा रहा है।
छिड़काव के बाद भी मिल रहे मरीज राजधानी के बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु, केजीएमयू जैसे हॉस्पिटल के हर वार्ड में डेंगू मरीजों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है। मौत के मामले में लखनऊ पहले स्थान पर है। स्वास्थ्य अधिकारियों के एंटी लार्वा छिड़कने के दावों पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि छिड़काव के बाद भी डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। जिससे विभाग के दावों की पोल खुल रही है। डेंगू का असर हर तीन साल के बाद बढ़ता है। इस बार उम्मीद थी कि इसके मामले बढ़ेंगे, लेकिन उतने नहीं बढ़े। ऐसा क्यों होता है उस पर काम किया जा रहा है। विभाग लगातार इस पर अपनी नजर रखे है। डॉ। केपी त्रिपाठी, एसीएमओ इस बार बरसात देर से हुई है। इसके साथ ठंड वैसी नहीं पड़ रही है जैसी होनी चाहिए। इसलिए डेंगू के मामले अभी भी आ रहे है। इसके साथ और कई कारण भी हैं जिन पर काम किया जा रहा है। - डॉ। शीतल वर्मा, नोडल इंचार्ज डेंगू के मरीज साल राजधानी प्रदेश2016 1020 15033
2017 291 3066 2018 572 3829 2019 1716 5677