-गोरखपुर में हैं सिर्फ 7 वैध एनजीओ

-अब सबकी होगी जांच, लिया जाएगा एक्शन

GORAKHPUR: जिले की हर गली में उग आए एनजीओ के अच्छे दिन जल्द ही लदने वाले हैं। अवैध तौर पर चल रहे जिले के इन एनजीओ पर जिम्मेदारों ने प्रदेश सरकार के निर्देश पर कार्रवाई का मन बना लिया है। जिले में तीन साल से ज्यादा समय से चल रहे एनजीओ, जिन्होंने अब तक महिला एवं बाल विकास विभाग से मान्यता नहीं ली है, उनपर एक्शन की तैयारी है। प्रोबेशन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो शहर में महज सात ऐसी एनजीओ हैं, जिन्होंने अब तक अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।

पांच हजार से ज्यादा एनजीओ

सिटी में यूं तो 10 हजार से भी ज्यादा एनजीओ संचालित किए जा रहे हैं। इसमें ऐसे करीब 5 हजार से ज्यादा ऐसे एनजीओ हैं, जो चिटफंड ऑफिस में रजिस्टर्ड हैं और तीन साल या उससे ज्यादा पुराने हैं। ऐसे एनजीओ को महिला और बाल विकास विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। मगर अब तक किसी भी एनजीओ ने अपना रजिस्ट्रेशन कराने की जहमत नहीं उठाई है। विभाग सिर्फ चिटफंड ऑफिस में रजिस्टर्ड ऐसे एनजीओ को कई बार नोटिस भी जारी कर चुका है। अब ऐसे एनजीओ के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है।

ताकि मालूम हो असलियत

जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर सरोज ने बताया कि निठारी कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की गई। भारत सरकार के खिलाफ संपूर्णा बेहुरा की ओर से दाखिल इस केस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी एनजीओ को महिला एवं बाल विकास विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया। इसका मकसद यह है कि इससे एनजीओ में काम करने वाले पूरे स्टाफ की डीटेल सरकार के पास उपलब्ध रहेगी। इससे किसी के मिस होने की कंडीशन में क्रॉस वैरिफिकेशन किया जा सकेगा।

कैसे होगा रजिस्ट्रेशन?

एनजीओ को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए जिला प्रोबेशन कार्यालय में संपर्क करना होगा। इसके बाद उनके फॉर्म पर दी गई डीटेल का फिजिकल वैरिफिकेशन कराया जाएगा। इसके लिए एक जांच कमेटी बनाई जाएगी। जिसकी रिपोर्ट आने पर उसे शासन को भेजा जाएगा। शासन की ओर से एनजीओ को हरी झंडी मिलने के बाद उस एनजीओ को सर्टिफिकेट इश्यू किया जाएगा, जिसके बाद वह वैध होगी। प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि इसमें शर्त यह है कि निरीक्षण के समय संस्था के खाते में 3 लाख या उससे अधिक की रकम होनी चाहिए। सर्टिफिकेट मिलने के बाद संस्था की डीटेल महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी।

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वर्जन

शहर में संचालित सभी एनजीओ को महिला एवं बाल विकास विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। ऐसा न करने की स्थिति में उनको अवैध माना जाएगा और उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। जिले में अब तक सिर्फ सात एनजीओ ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

- समर बहादुर सरोज, जिला प्रोबेशन अधिकारी

Posted By: Inextlive