रमजान के पाक महीने में इस बार मई महीने में बीस से अधिक दिन का होगा रोजा.

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PRAYAGRAJ: करीब 34 साल के अंतराल पर ऐसा अवसर आया है जब रमजान के दौरान मई माह में बीस से अधिक रोजे रखे जाएंगे. शेष रोजे जून महीने में होंगे. 2017 में करीब पूरा रोजा जून महीने में पड़ा था तो 2018 में आधा रोजा मई व आधा रोजा जून महीने में था. दरगाह मौला अली प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष सैय्यद अजादार हुसैन की मानें तो मुसलमानों के सभी त्योहार चंद्र पंचांग पर आधारित होते हैं. एक चंद्र वर्ष 354 दिनों का होता है. इस वजह से रमजान के दौरान रोजा दस या 11 दिनों पहले शुरू होता है.

अकीदतमंद अता करते हैं नमाज

रमजान के दौरान बड़ी से लेकर छोटी मस्जिदों में अकीदतमंद पांच वक्त की नमाज अता करते हैं.

-सबसे पहले फजर की नमाज सूर्योदय से 80 मिनट पहले से लेकर सूर्योदय तक पढ़ी जाती है.

-दूसरी नमाज जोहर की दोपहर ढलते ही शुरू होती है.

-तीसरी नमाज असिर की होती है जो सूर्यास्त से 90 मिनट पहले से लेकर सूर्यास्त तक पढ़ी जाती है.

-चौथी नमाज मगरिब की होती है जो सूर्यास्त होते ही पढ़ी जाती है.

-पांचवें वक्त की नमाज ईशा की होती है जिसे सूर्यास्त के 90 मिनट बाद से लेकर आधी रात तक पढ़ा जाता है.

पांच नहीं तो छह को पहला रोजा
अगर पांच मई को चांद दिखाई दे जाता है तो छह मई को रमजान का पाक महीना शुरू हो जाएगा. नहीं तो सात मई को पहला रोजा रखा जाएगा.

पंद्रह घंटे तक लंबा होगा रोजा
करीब 46 डिग्री की भीषण गर्मी के बीच चंद रोज बाद शुरू होने जा रहे रमजान में इस बार चौदह से पंद्रह घंटे तक लम्बा रोजा होगा.

मस्जिदों में तेज हुई तैयारियां
रमजान नजदीक आते ही अटाला, शाहगंज, करेली, दरियाबाद, रसूलपुर, रानीमंडी, अकबरपुर, बक्शी बाजार, सुल्तानपुर भावा सहित अन्य मुस्लिम बाहुल्य इलाकों की मस्जिदों में रंगाई-पुताई और कूलर लगाने का सिलसिला तेज हो गया है. नमाजियों के वजू करने के लिए पानी के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं.

इस बार सहरी से लेकर मगरिब की अजान तक रखे जाने वाले रोजे अकीदतमंदों के इम्तेहान वाले साबित होंगे. इसकी वजह है कि तीस वर्षो से अधिक के अंतराल पर मई महीने में सर्वाधिक रोजा रखा जाएगा.
- सैय्यद अजादार हुसैन, अध्यक्ष दरगाह मौला अली प्रबंध कमेटी

Posted By: Vijay Pandey