- फोन कॉल्स के आडियो में कांट-छांट करने का भी आरोप लगाया

- बोली, मेरा फोन सेंट्रल गवर्नमेंट टेप करती है, फंस जाते नसीमुद्दीन

- नेताओं के फोन टेप करके मुझे सुनाने की धमकी देकर उगाही करता था

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LUCKNOW :

पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा फोन कॉल्स की रिकॉर्डिग सार्वजनिक करने के तुरंत बाद मायावती ने उन्हें टैपिंग ब्लैकमेलर करार दे दिया। उन्होंने मीडिया को बुलाकर कहा कि मैंने नसीमुद्दीन को पश्चिमी उप्र की जिम्मेदारी दी थी ताकि वह मुस्लिम समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ सके, लेकिन वह पार्टी के सही नेताओं को उकसाने का काम कर रहा था और बाद में फोन पर उनकी बातें रिकॉर्ड कर मुझे सुनाने की धमकी देकर उनसे उगाही कर रहा था। मेरा फोन सेंट्रल गवर्नमेंट टेप करती है, इसलिए मैंने उससे कहा कि इसमें तुम फंस जाओगे। मायावती ने नसीमुद्दीन द्वारा जारी टेप में कांट-छांट कर पेश किए जाने की बात भी कही।

पार्टी के लोगों ने बताया

मायावती ने दावा किया कि उन्हें पश्चिमी यूपी से लेकर लखनऊ मंडल तक के पार्टी के लोगों ने दिल्ली और लखनऊ में मिलकर बताया कि हम लोग ईवीएम के साथ नसीमुद्दीन सिद्दीकी की कार्यशैली की वजह से हारे हैं। उन्हें पार्टी से हटाया नहीं गया तो बसपा काफी पीछे चली जाएगी। नसीमुद्दीन बड़ा ब्लैकमेलर है। टैपिंग की आड़ में अपना धंधा करता है, पैसा कमाता है। सही लोगों का उकसाता है, उनकी बातें टेप करके धमकी देता है कि बहनजी को सुना दिया तो पार्टी से निकाल दिए जाओगे। चुनाव में टिकट भी नहीं मिलेगा। इस तरह वह लोगों को डरा कर धन उगाही कर रहा था। सही कार्यकर्ताओं को साइडलाइन करके अपने लोगों को पार्टी में ला रहा था। आज नसीमुद्दीन द्वारा मेरे साथ हुई बातचीत के टेप सार्वजनिक करने से यह साफ हो गया है। जिस आदमी को पार्टी में इतना बढ़ावा दिया, उसने ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ फोन पर हुई बात को टेप कर लिया। इससे बसपा के मूवमेंट को गहरा झटका लगा है।

मेंबरशिप के पैसे मांगे थे

मायावती ने कहा कि मैंने नसीमुद्दीन से मेंबरशिप के पैसे मांगे थे। मैंने चुनाव से पहले कहा था कि जो लोग मेंबरशिप की किताबें ले गये हैं, उनसे कटी हुई पर्चियां और पैसे ले लो वरना चुनाव के बाद वे आनाकानी करेंगे। नसीमुद्दीन से पार्टी कार्यालय से सबसे ज्यादा किताबें ली थी। साथ ही तमाम अन्य लोगों को भी दिलाई थी। मुझसे पार्टी के लोगों ने कहा कि उन्होंने नसीमुद्दीन को पूरा पैसा दे दिया है। इस पर मैंने नसीमुद्दीन से कहा कि जिन लोगों ने पैसा नहीं दिया है, उन्हें लखनऊ लेकर आओ। ये गरीबों की पार्टी है। इस पर नसीमुद्दीन ने मुझसे कहा कि मैं अपनी पूरी प्रापर्टी बेचकर आपको पैसे दे दूंगा। इसके बावजूद नौ मई तक उसने हिसाब नहीं किया। मायावती ने यह दावा भी किया मेंबरशिप से जुटाई गयी रकम को ही नोटबंदी के बाद बैंक में जमा किया गया था जिस पर भाजपा ने सवाल भी खड़े किए थे।

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पहली बार नहीं लगे मायावती पर आरोप

मायावती पर पैसे मांगने का आरोप नया नहीं है। इससे पहले भी बसपा छोड़ने वाले तमाम नेताओं ने उन पर टिकट देने के नाम पर करोड़ों रुपये मांगने का आरोप लगाया था। विधानसभा चुनाव से पहले तो इसकी बाढ़ आ गयी थी। स्वामी प्रसाद मौर्य, आरके चौधरी, रोमी साहनी जैसे तमाम वर्तमान और पूर्व विधायकों ने पार्टी छोड़ने के साथ मायावती पर यह आरोप जड़ दिया था कि वे करोड़ों रुपये में टिकट बेचने का काम कर रही हैं, उनका अंबेडकर और कांशीराम के मिशन से कोई लेना-देना नहीं है।

Posted By: Inextlive