मेयर का दावा फुस्स, नहीं मिला गंगाजल
- पाइप लाइन फिर ध्वस्त, जल निगम ने रोकी सप्लाई
- सर्किट हाउस के आगे फिर से हुआ लीकेज Meerut : 371 करोड़ रुपये की गंगाजल परियोजना का शहरवासी सालों से आस लगाए बैठे हैं कि कब गंगाजल मिलेगा। लेकिन फीता काटने और श्रेय लेने की होड़ में गंगाजल लोगों को मिल नहीं पा रहा है। अब देखिए ना शहरवासियों के गंगाजल पर एक बार फिर से रोक लग गई है। महापौर के शनिवार से गंगाजल मिलने के दावे फुस्स हो गए। सर्किट हाउस के आगे लीकेज की आशंका से गंगाजल की सप्लाई रोक दी है। शुक्रवार को ही महापौर ने गंगाजल की सप्लाई को मंजूरी दी थी। सर्किट हाउस के आगे मिट्टी धंसी18 अप्रैल को जल निगम ने शहर में गंगाजल की सप्लाई शुरू की थी। पहले दिन प्रेशर के चलते सर्किट हाउस के आगे पाइप लाइन फट गई थी। उसको ठीक किया तो उसके पास दूसरा लीकेज हो गया था। शनिवार को उसी स्थान पर मिट्टी धंस गई जिसके चलते जल निगम मरम्मत के नाम पर सप्लाई पर रोक लगा दी है।
सफाई के नाम पर गंगाजल बहायापाइप लाइन फटने और लीकेज होने के बाद उसकी सफाई के नाम पर लाखों लीटर गंगाजल नालों में बहा दिया गया। करीब दो सप्ताह तक प्रतिदिन 5 क्यूसेक गंगाजल को यूं की बहा दिया गया। उसके बाद सर्किट हाउस स्थित टैंक की सफाई नाम पर दो दिन तक पानी बहाया गया।
पाइप लाइन क्यों लीकेज हो रही है आठ साल में जैसे-तैसे करके गंगाजल की शुरुआत हो पाई थी, लेकिन पाइप लाइन लीकेज है कि लोगों तक गंगाजल नहीं पहुंचाने दे रहा है। बार बार नई पाइप लाइन क्यों लीकेज हो रही है। सोचने की बात है। सोमवार को निरीक्षण सोमवार को महापौर, नगर निगम और जल निगम के अधिकारी टाउन हॉल स्थित अंडरग्राउंड टैंक का निरीक्षण करने के लिए जाएंगे। सर्किट हाउस के आगे जो लीकेज ठीक किया था, वह दोबारा से शुरू हो गई है। लिहाजा गंगाजल की सप्लाई को फिलहाल रोक दिया गया है। रामहेत सिंह, परियोजना प्रबंधक, गंगाजल लीकेज होने की आशंका है। जल निगम द्वारा उसको चेक किया जा रहा है। चेक करने पर यदि सब ठीक होगा तो सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। सप्लाई बाधित रही। हरिकांत अहलूवालिया, महापौर, मेरठ