- बिना सूचना के गंगाजल की सप्लाई शुरू होने से भन्नाए मेयर

-सर्किट हाउस सीडब्ल्यूआर पहुंचकर जल निगम के अफसरों को हड़काया

-दूषित होने का लगाया आरोप, रिपोर्ट में स्वच्छ है गंगाजल

Meerut : शहरवासियों के हलक तक अभी गंगाजल की नमी पहुंची भी न थी कि मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने इसे गंदा बताते हुए एक सप्ताह के लिए सप्लाई रुकवा दी। वजह यह भी रही कि जल निगम के अफसरों ने मेयर को गंगाजल की सप्लाई की जानकारी नहीं दी। मेयर का मानना था कि विधिवत उद्घाटन के बाद गंगाजल घरों तक पहुंचना था। बुधवार को सार्किट हाउस पहुंचे मेयर जल निगम के अफसरों को जमकर हड़काया।

दो दिन हुई सप्लाई

मेरठ की महत्वाकांक्षी गंगाजल परियोजना के पूर्ण होने के बाद सोमवार और मंगलवार दो दिन शहर में गंगाजल की सप्लाई हुई। जल निगम ने 5 क्यूसेक (11.25 एमएलडी) गंगाजल की सप्लाई सर्किट हाउस स्थित क्लियर वाटर रिजरवायर (सीडब्ल्यूआर) से की। बुधवार को मेयर ने सर्किट हाउस सीडब्ल्यूआर जल निगम के अफसरों से गंगाजल छोड़े जाने के बाबत सवाल कर दिया। मेयर का कहना था कि बिना किसी सूचना के आखिर किसकी अनुमति से जल निगम ने गंगाजल की सप्लाई शुरू की? वहीं उन्होंने कहा कि गंगाजल गंदा है। उसमें मिट्टी की मात्रा अधिक है, पब्लिक का फोन आया कि उनके घर के आरओ गंगाजल से फेल हो गए।

लगाई रोक

मेयर ने अफसरों को आड़े हाथों लेते हुए फरमान जारी करते हुए एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि इस बीच जल निगम पानी की साफ करे। मेयर ने इस दौरान सीडब्ल्यूआर से सप्लाई हो रहे गंगाजल का निरीक्षण भी किया।

नालों में गिरेगा पानी

मेयर के इस फरमान से आने वाले दिनों पांच क्यूसेक गंगाजल शहर के दो नालों में गिरेगा। जल निगम का कहना है कि सप्लाई शुरू होने के बाद उसे रोका नहीं जाएगा। एक सप्ताह तक जली कोठी और मेघदूत नाले में ओवरफ्लो पाइप से गंगाजल को नालों में छोड़ा जाएगा।

कहीं वजह यह तो नहीं?

गंगाजल परियोजना की कार्यदायी संस्था जल निगम है, नगर विकास विभाग के मंत्री आजम खान की निगरानी में योजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है तो वहीं मेयर ने भी गंगाजल लाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया है। अब जब गंगाजल शहर में आ गया है तो दोनों आमने-सामने हैं। जल निगम आजम खान से योजना के लोकार्पण की तिथि ले रहा है तो मेयर का कहना है कि बिना सूचना दिए गंगाजल को छोड़ा जाना गलत है।

सामने की थी टेस्टिंग

जल निगम के अधीक्षण अभियंता केपी सिंह का कहना है कि सप्लाई से पहले गंगाजल की पूरी टेस्टिंग करा ली गई थी। नगर निगम और जलकल विभाग के अफसरों की ओके रिपोर्ट के बाद ही सप्लाई शुरू की गई है। गंगाजल की शुद्धता प्रमाणित है। बता दें कि सीडब्ल्यूआर की दो साल से सफाई नहीं हुई है, जिसका जिम्मा जलकल विभाग का है।

जल निगम ने बिना अनुमति के गंगाजल की सप्लाई शुरू कर दी। गंदा पानी सप्लाई हो रहा है, नलों से मिट्टी मिला पानी आ रहा है। इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

हरिकांत अहलूवालिया, मेयर

गंगाजल की टेस्टिंग करने के बाद ही सप्लाई शुरू की गई थी। सप्लाई की जानकारी शासन को है। आला अफसरों के निर्देश के बाद अभी ट्रायल के तौर पर पांच क्यूसेक गंगाजल भोले की झाल से सर्किट हाउस तक दिया गया है। मेयर ने दोबारा से टेस्टिंग के लिए बोला है, हमारी ओर से टेस्टिंग ओके है।

केपी सिंह, अधीक्षण अभियंता, जल निगम

शुद्ध है गंगाजल

-पीएच वैल्यू-7.14 (6.5-8.0)

-टर्मिडिटी-1 एमटीयू

-टोटल डिजाल्ब्ड सॉलिड (टीडीएस) और टोटल सस्पेंडेड सॉलिड (टीएसएस) को नियंत्रित रखने के लिए 30 मिग्रा पर लीटर एलम का प्रयोग किया जा रहा है।

-बायो ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) को नियंत्रित रखने के लिए और बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए 2 पार्ट पर मिलियन (पीपीएम) प्री और 5 पीपीएम पोस्ट क्लोरीनेशन हो रहा है।

(आंकड़े भोलाझाल स्थित ट्रीटमेंट प्लांट से)

Posted By: Inextlive