-हाउस टैक्स बढ़ोतरी को लेकर मेयर का आक्रोश तेज

-कहा, जन प्रतिनिधि ही तय करेंगे हाउस टैक्स रिवाइज रेट

-2004 से शहर में रिवाइज नहीं हुआ है हाउस टैक्स रेट

Meerut: नगर निगम में हाउस टैक्स रिवीजन को लेकर घमासान बढ़ता जा रहा है। एक ओर जहां नगर आयुक्त हाउस टैक्स बढ़ोतरी को लेकर आए शासनादेश को लागू करने की बात कर रहे हैं, वहीं मेयर ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए जनमत के आधार पर कोई निर्णय लेने का दावा किया है।

हाउस टैक्स को लेकर रार

नगर निगम में हाउस टैक्स वृद्धि को लेकर चली आ रही रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। नगर आयुक्त के सर पर शासनादेश को लागू करने का दबाव है तो मेयर हाउस टैक्स बढ़ोतरी को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना चुके हैं। मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हाउस टैक्स को किसी भी सूरत में बढ़ने नहीं दिया जाएगा।

जनमत से होगा निर्णय

गुरुवार को मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने पार्षदों से विचार विमर्श कर यह स्पष्ट कर दिया है कि हाउस टैक्स बढ़ोतरी का हर हाल में विरोध किया जाएगा। मेयर ने कहा कि हाउस टैक्स बढ़ोतरी संबंधित कोई भी फैसला जनमत के आधार पर किया जाएगा। सदन में जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले जनता के नुमाइंदे ही यह तय करेंगे कि हाउस टैक्स बढ़ाया जाए या नहीं। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी अंतिम निर्णय सदन द्वारा ही लिया जाएगा।

2004 से नहीं हुआ रिवाइज

नगर निगम की मानें तो 2004 के बाद से हाउस टैक्स रिवाइज नहीं हुए हैं, जबकि शासनादेश के मुताबिक हर दो साल में हाउस टैक्स बढ़ाने का नियम है। अब चूंकि 2014 में शासनादेश के मुताबिक हाउस टैक्स रिवाइज कर उसको पांच गुणा तक किया जाना है तो निगम पर शासनादेश लागू करने का दबाव बन चला है।

हाउस टैक्स वृद्धि को जनता की न

हाउस टैक्स में पांच गुणा बढ़ोतरी को तुक की बात नहीं है। निगम टैक्स के माध्यम से केवल अपनी आय बढ़ाना चाहता है। इस तरह की वृद्धि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

रजत अरोरा, शास्त्रीनगर

जब एक साल से शासनादेश लागू नहीं किया गया तो अचानक शासनादेश का हवाला देकर हाउस टैक्स में वृद्धि की क्यों जा रही है। यह हाउस टैक्स में वृद्धि नहीं बल्कि अवैध वसूली है।

शिखर वाधवा, सेंट्रल मार्केट

नियम तो यह है भी है कि टैक्स के बदले जनता को हर आवश्यक सुविधा मुहैया कराई जाए, लेकिन निगम की कमी के चलते शहरवासी बदहाली का जीवन जीने को मजबूर हैं।

सर्फुद्दीन, कोतवाली

हाउस टैक्स में पांच गुणा वृद्धि कर जनता पर शासनादेश को जबरन लादा जा रहा है। निगम की ओर से मूलभूत सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।

सुरेन्द्र सिंह, शास्त्रीनगर

हाउस टैक्स तय करने का आधार सदन को है। सदन में जनता के नुमाइंदों के मत के आधार पर ही हाउस टैक्स वृद्धि संबंधित को निर्णय लिया जाएगा।

हरिकांत अहलूवालिया, मेयर

Posted By: Inextlive