मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के सूत्रों से मिल रही खबरों की मानें तो उत्तर प्रदेश में करीब 900 एमबीबीएस सीट्स कम हो जायेंगी।


असल में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने प्रदेश के सात निजी कॉलेजों की एमबीबीएस मान्यता वर्ष 2015-16 में रद्द कर दी है। जिसका अर्थ है कि ये कॉलेज इस बार एमबीबीएस में दाखिला लेने के अधिकार से वंचित कर दिए गए हैं। इसका सीधा असर सीटों की संख्या पर पड़ा है और यूपी में एमबीबीएस की 900 सीटें कम हो गई हैं।


MCI के इस निर्णय से सात निजी मेडिकल कॉलेजों को को सबसे बड़ा झटका लगा है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को ये अधिकार है कि निरीक्षण के बाद वो निर्णय ले कि किन नए कालेजों को एमबीबीएस में दाखिले के लिए अनुमति प्रदान की जा सकती है। उसे हर साल इस प्रक्रिया को दोहराना होता है। अपने निरीक्षण के दौरान एमसीआई कुछ मूलभूत चीजों की उपलब्धता की जांच करती है। जैसे संबंधित कॉलेज में सभी जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर,फैकल्टी व प्रयोगशालाओं की उपलब्धता और स्थिति कैसी है। ये जांच  र्निधारित मानकों के आधार पर किए जाते हैं।

यदि मानक के अनुसार कुछ भी कमी या उनके आवश्यक स्तर में कमी पाई जाती है तो फिर एमसीआई उस कॉलेज को एमबीबीएस की सीटों पर दाखिले की अनुमति नहीं देती है। वैसे इस बार अपने निरीक्षण के दौरान एमसीआई ने सरकारी कॉलेजों में भी ढेर सारी कमियां निकाली थीं,लेकिन प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने एक शपथ पत्र देकर इन सारी कमियों जल्द दूर करने का वादा किया था। इसके चलते सरकारी कॉलेजों पर गाज गिरने से बच गई।

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Posted By: Molly Seth