-पढ़ने में brilliant हैं MBBS के तीनों student

--First term में achieve किए हैं अच्छे मा‌र्क्स

ALLAHABAD: कुछ लोगों की लाइफ में पैसा कुछ ज्यादा ही मैटर करता है। इसके लिए वह अपने कॅरियर तक को दांव पर लगाने से नहीं चूकते। एमएलएन मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस फ‌र्स्ट इयर के तीन स्टूडेंट्स पर यह कहावत बिल्कुल फिट बैठती है। तीनों इस समय पूछताछ के लिए मध्य प्रदेश एसटीएफ की हिरासत में हैं। टीचर्स के मुताबिक तीनों ब्रिलिएंट स्टूडेंट हैं। इसका एग्जाम्पल फ‌र्स्ट टर्मिनल में ही मिल गया है। दो नंबर की कमाई के चक्कर में इनका कॅरियर फंसने के कगार पर है।

टीचर्स की नजर में बेहतर स्टूडेंट

गाजीपुर के रहने वाले अक्षय कुमार यादव, जौनपुर के रविंद्र कुमार यादव और बस्ती के विनोद कुमार वर्मा टीचर्स की नजर में बेस्ट स्टूडेंट हैं। तीनों एमबीबीएस फ‌र्स्ट इयर के स्टूडेंट हैं और लास्ट मंथ हुए फ‌र्स्ट टर्मिनल एग्जाम में तीनों ने अच्छे मा‌र्क्स एचीव किए हैं। टीचर्स की मानें तो ये सभी मीडियम क्लास फैमिली से हैं। इन पर पैसे लेकर दूसरों के स्थान पर बैठकर पीएमटी परीक्षा देने का आरोप है।

Last Saturday को ले गई STF

तीनों स्टूडेंट्स को लास्ट सैटरडे एसटीएफ अपने साथ भोपाल ले गई थी। अपनी सफाई में विनोद कुमार वर्मा के मुताबिक उसने पहले एमपी पीएमटी का एग्जाम दिया था और उसे क्वालिफाई भी कर लिया था। लेकिन, यूपी पीएमटी में सेलेक्शन हो जाने के बाद उसने यहीं एडमिशन ले लिया। उसने किसी और के स्थान पर कभी एग्जाम नहीं दिया। जबकि, अक्षय कुमार यादव ने काफी देर एसटीएफ से बहस की थी। उसने कहा कि लास्ट मंडे वह मध्य प्रदेश में कोर्ट की तारीख में गया था और वहां से अभी वापस मेडिकल कॉलेज आया है। हालंाकि, इसके बाद एसटीएफ ने रिटेन में जानकारी दी और इन्हें अपने साथ ले गए।

वन साइडेड कार्रवाई नहीं करेगा कॉलेज

एमएलएन मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि इन तीनों के ऊपर वन साइडेड कार्रवाई उनकी ओर से नहीं की जाएगी। जब तक कोर्ट की ओर से कोई लेटर नहीं मिलेगा, वह अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं। इससे पहले भी छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश सहित दूसरे स्टेट के स्टूडेंट्स को ऐसे मामलों में हिरासत में लिया गया है लेकिन संबंधित कोर्ट से कोई लेटर नहीं आने पर उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है। बिना एलीगेशन प्रूफ हुए कोई भी कार्रवाई किया जाना मुश्किल है।

स्टूडेंट्स को नहीं है ज्यादा जानकारी

तीनों ने एक अगस्त से मेडिकल कॉलेज ज्वॉइन किया है। उनके साथ ही कॉलेज आने वाले छात्रों का कहना है कि उनके बारे बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। मामले की तफ्तीश कर रही एसटीएफ का कहना है कि इस गिरोह में पैसे लेकर दूसरों को एग्जाम में पास कराने के लिए लंबी चौड़ी रकम ली जाती है। इस फर्जीवाड़े में एमपी एसटीएफ ने कुल क्8 स्टूडेंट्स को हिरासत में लिया है। उधर, मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि तीनों के परिजनों को इसकी जानकारी दे दी गई है। विनोद के चाचा भोपाल में ही जॉब करते हैं।

Posted By: Inextlive