विकेट के पीछे खड़े विकेट कीपर को ये नहीं पता होता है कि कब गेंद तेजी से विकेट से लड़ेगी और गिल्लियां उड़ कर आकर उस पर निशाना साधेगी। ऐसे में कीपर के चुटहिल होने का खतरा हमेशा बना रहता है। विकेट कीपर की सुरक्षा को देखते हुये क्रिकेट नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब एमसीसी ने नियमों में कुछ बदलाव किये हैं। अब देखना ये दिलच‍स्‍प होगा कि इन नियमों को मैदान पर कब से लागू किया जाता है। इस नियम के लागू होने से मैदान पर होने वाली घटनाओं में कितना सुधार आता है।


धागे से जुडें होंगे गिल्ली और विकेटएमसीसी ने नियमों में बदलाव करते हुए गिल्लियों को विकेट से महीन धागे से जोड़े कर रखने का प्रस्ताव रखा है। जिससे विकेट टूटने की स्थिति में विकेटकीपरों को हर प्रकार की दुर्घटना से बचाया जा सके। विकेट के ऊपर रखी गिल्लियों के उछलकर लगने से विकेटकीपरों की चोट लगने की घटनाएं कभी-कभी देखने को मिलती है। पर चोट लगने की संभावना हमेशा बनी रहती है। एमसीसी ने नियम 8.3 में परिवर्तन किया है। दक्षिण अफ्रीका तथा इंगलैंड की दो कंपनियों से संपर्क किया है जो ऐसे विकेट बनाएं जिसमें गिल्लियां विकेट से धागे नुमा चीज से जुड़ी रहे। जल्द मिल जायेगी नियम को मंजूरी


एमसीसी के कानून मैनेजर फ्रेसर स्टीवर्ट ने कहा कि इस कदम से विकेटकीपरों की आंख में लगने वाली चोटों को बचाया जा सकेगा। इस दिशा में काम तेजी से चल रहा है। क्रिकेटकी वैश्विक इकाई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद आईसीसी से भी इस नियम को जल्द ही मंजूरी मिल जायेगी। वर्ष 2012 में दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज विकेटकीपर मार्क बाऊचर को गिल्लियों के लगने से बांई आंख में चोट लग गई थी। बाऊचर की चोट गंभीर थी और इसके चलते उन्हें अपने क्रिकेट करियर को विराम देना पड़ा। गिल्ली नहीं गेंद को देख कर बनता है हेलमेट

बाऊचर ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि मैंने इस मैच में हेलमेट नहीं पहना था लेकिन यदि मैं हेलमेट पहनता तो भी शायद दुर्घटना को नहीं टाल सकता था। हेलमेट गेंदों के हिसाब से बनाए जाते हैं न कि गिल्लियों के हिसाब से। मुझे लगता है कि गिल्लियों को महीन धागे से विकेटों से बंधा रहना चाहिये ताकि उनके उछलने की स्थिति में चोट से बचा जा सके। दो दशक पहले इंग्लैंड के विकेटकीपर पाल डाउंटन का भी करियर गिल्लियों से चोट लगने के चलते समाप्त हो गया था। भारतीय दिग्गज विकेटकीपर महेन्द्र सिंह धोनी को भी विकेट के पीछे क्षेत्ररक्षण करते हुए कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।Cricket News inextlive from Cricket News Desk

Posted By: Prabha Punj Mishra