- एमसीआई की टीम ने किया मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण

- सर्जरी, गायनी मेडिसिन विभाग में गंदगी पर जमकर लगाई लताड़

- एमआरआई व सिटी स्कैन न होने की छात्रों ने की शिकायत

Meerut: मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को उस वक्त खलबली मच गई। जब अचानक अस्पताल की इमरजेंसी में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) टीम आ धमकी। टीम ने ट्रामा सेंटर में पहुंचकर रजिस्टर चेक किए और साफ-सफाई की बारीकी से जांच की। मेडिकल के दर्जनों वार्ड में जाकर बारीकी से जांच की, गंदगी पर टीम ने 'जिम्मेदारों' को जमकर फटकार लगाई।

इन विभागों की जांच

ईएनटी, बर्न, कैंसर, मेडिसिन विभाग, सर्जरी, गायनी, बच्चा वार्ड, ऑर्थो, एक्सरे, लैब, ब्लड बैंक आदि वार्डो की बारीकी से जांच की।

वार्डो में मिली गंदगी

एमसीआई टीम ने एक और जहां ओटी में साफ-सफाई देखकर मेडिकल अधिकारियों की पीठ थपथपाई वहीं वार्डो में पसरी गंदगी को लेकर खरी-खोटी भी सुनाई। जिसे सुनकर सीएमएस सहित सभी मेडिकल अधिकारी चुप-चाप सुनते रहे।

कम ऑपरेशन क्यों

चीफ निरीक्षक एस के राठौड़ ने ओटी पहुंचकर रजिस्टर चैक किया तो पिछले माह महज 10 सर्जरी को देखकर खफा हो गए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से पूछा कि मेडिकल में सर्जरी इतनी कम क्यों हो रही है। साथ ही हिदायत देते हुए कहा कि हर जरूरी ऑपरेशन मेडिकल में हो सकता है। फिर जरूरतमंदों को बाहर क्यों भेजते हो।

छात्रों ने रखी समस्या

एमसीआई टीम से एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र मिले। साथ ही समस्या रखी की कॉलेज में एमआरआई व सिटी स्कैन मशीन नहीं है। जिसके चलते छात्रों को प्रक्टिस में दिक्कतें आती हैं। टीम समस्या को नोट कर आगे बढ़ गई।

एमसीआई की टीम ने 12 बजे से लेकर देर शाम तक मेडिकल अस्पताल के वार्ड व इमरजेंसी की की जांच की। साफ सफाई के अलावा बाकि सब ठीक मिला। वार्डो में सफाई के लिए बोला गया है।

-प्रो। एसके राठौड़

चीफ निरीक्षक, एमसीआई

ये मिली खामियां

-कार्डियक एवं गैस्ट्रो सर्जन नहीं हैं

-न्यूरोसर्जरी में सिर्फ एक संविदा सर्जन कार्यरत।

- प्लास्टिक सर्जन डॉ। फैजल अमीर भी छोड़ गए। बर्न यूनिट बेकार माइक्रोस्कोप भी नहीं।

- हड्डी रोग विभाग की सी-आर्म मशीन महीनों से खराब।

-मेडिसिन वार्ड में मरीजों को भर्ती करने का ग्राफ कमजोर मिला

- कैंसर रोग विभाग में रेडियोथेरेपी एवं कीमोथेरेपी बंद पड़ी है

- मेडिकल में महज जनरल सर्जरी ही चल रही है

वर्जन

यह एमसीआई का रुटीन निरीक्षण है। एमबीबीएस की बढ़ी हुई 50 सीटों के लिए मानक पूर किए जा रहे हैं। टीम ने इमरजेंसी सहित सभी वार्डो का निरीक्षण किया है।

-डॉ। केके गुप्ता

प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive