- रिहायशी इलाकों और मार्केट में पार्को के नीचे पार्किंग बनाने की है योजना

- बुढ़ाना गेट स्थित लेडीज पार्क को प्रयोग के तौर पर किया जा सकता है इस्तेमाल

sharma.saurabh@inext.co.in

Meerut : सिटी में दिनोंदिन पार्किंग की समस्या बढ़ती ही जा रही है। सिटी में मार्केट पहले ही इस समस्या से जूझ रहे हैं। अब रिहायशी इलाके भी इसकी चपेट में आ चुके हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए एमडीए ने एक नायाब तरीका खोजा है। सिटी के प्रमुख रिहायशी को चिह्नित कर उनके पार्को के नीचे पार्किंग बनाने विचार किया जा रहा है। पहले प्रायोगिक तौर पर बुढ़ाना गेट स्थित लेडीज पार्क को इस्तेमाल किया जा सकता है।

पार्को पर बेसमेंट पार्किंग

सिटी में पार्किंग की समस्या दूर करने को सिटी के बड़े पार्को जो रिहायशी इलाकों और बड़े बाजार के पास है उनका भी सहारा लेने की योजना बनाई जा रही है। पार्को के नीचे बेसमेंट पार्किंग बनाई जाएगी। पार्क के ग्राउंड सरफेस को हाथ नहीं लगाया जाएगा। वहां रोजाना की एक्टिविटी होती रहेगी। पार्किंग की एंट्री एग्जिट पार्क की एंट्री एग्जिट के अपोजिट की जाएगी।

यहां से हो सकती है शुरुआत

एमडीए अधिकारियों की नजर अभी बुढ़ाना गेट स्थित लेडीज पार्क पर है। बुढ़ाना गेट और आसपास के मार्केट में प्रॉपर पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं है। जिससे लोगों को दुकानों के आगे ही अपनी गाड़ी पार्क करनी पड़ती है। अगर ये प्रयोग सफल होता है तो सिटी के रिहायशी इलाकों के पार्को को चिह्नित कर पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।

लग जाता है जाम

दुकानों के सामने गाडि़यों की पार्किंग मेन रोड तक आ जाने से ट्रैफिक जाम की भी समस्या होती है। कभी-कभी जाम की इतना लंबा हो जाता है कि लोगों को घंटों तक ट्रैफिक रन करने का इंतजार करना पड़ता है। खासकर शहर की पुरानी मार्केट की हालत ज्यादा खराब है। वहीं बेगमब्रिज, बुढ़ाना गेट, इंद्रा चौक, हापुड़ रोड आदि कई मार्केट के नाम लिए जा सकते हैं।

गाडि़यां चोरी होने का खतरा

वहीं रिहायशी इलाकों में घरों के बाहर गाडि़यां खड़ी होने से रात को चोरी होने का खतरा होता है। जब गाडि़यां चोरी हो जाती हैं तो मिलना भी नामुमकिन हैं। ऐसे में रिहायशी इलाकों में पार्किंग बनने से लोगों को काफी राहत मिलगी और सड़कों पर गाडि़यां भी खड़ी नहीं होगी और सुरक्षित भी रहेंगी। सिटी में करीब छोटे-बड़े ब्00 पार्क हैं, जिनमें ऐसे रिहायशी इलाकों के पार्को को चिह्नित किया जाएगा।

इतना होगा खर्चा

अंडरग्राउंड पार्किंग बनाने में ग्राउंड लेवल पार्किंग बनाने में ज्यादा खर्चा होता है। ग्राउंड स्पेस न होने के कारण एमडीए को इस ऑप्शन पर विचार करना पड़ रहा है। अगर एमडीए ब्000 स्क्वॉयर मीटर स्पेस यूज करते हैं तो उसमें क्ख्0 व्हीकल की पार्किंग बन जाएगी। जिसमें करीब क्0 करोड़ रुपए का बजट खर्च होने की उम्मीद की जा रही है।

पार्को के नीचे पार्किंग के कांसेप्ट पर विचार कर रहे हैं। इस पर बातचीत चल रही है। जल्द ही कुछ फाइनल होने की उम्मीद है। अभी हम टाउन हॉल पार्किंग पर फोकस कर रहे हैं।

- आईएस सिंह, चीफ इंजीनियर, एमडीए

Posted By: Inextlive